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Monday, September 1, 2025

डल झील से प्लास्टिक का कचरा साफ करने की मुहिम में जुटी नीदरलैंड की पर्यटक

Newsडल झील से प्लास्टिक का कचरा साफ करने की मुहिम में जुटी नीदरलैंड की पर्यटक

श्रीनगर, एक जुलाई (भाषा) नीदरलैंड की 69 वर्षीय एक महिला ने पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध डल झील से प्लास्टिक कचरे को साफ करने को अपना मिशन बना लिया है।

प्रकृति से लगाव रखने वालीं एलिस ह्यूबर्टिना स्पाएंडरमैन को अक्सर प्लास्टिक और अन्य कचरे को इकट्ठा करने के लिए झील में चुपचाप अपनी नाव चलाते हुए देखा जा सकता है। वह पानी से एक-एक करके कचरे की वस्तुओं को उठाती हैं और उन्हें अपनी नाव पर एक बैग में रखती हैं ताकि झील साफ रहे।

स्पाएंडरमैन से जब उनके जुनून के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैंने नीदरलैंड में भी ऐसा किया था, जहां मैं समुद्र के किनारे रहती थी। सामान्य तौर पर नीदरलैंड साफ-सुथरा है, लेकिन जहाजों से कचरा फैलता है, इसलिए मैंने कचरा इकट्ठा करना शुरू कर दिया, यह मेरे स्वभाव में है। जब मैं इसे देखती हूं, तो मैं सफाई करने से खुद को नहीं रोक पाती।

स्पाएंडरमैन लगभग 25 साल पहले पहली बार कश्मीर आई थीं और उन्हें तुरंत ही यह जगह पसंद आ गई। जब वह लगभग पांच साल पहले वापस लौटीं, तो वह घाटी में ही रही, लेकिन झील में प्रदूषण के स्तर को देखकर वह निराश हो गईं।

स्पांडरमैन ने अपने अभियान में मदद के लिए पिछले साल नवंबर में एक नाव खरीदी थी। उन्होंने कहा, ‘मैंने सोचा कि अगर कोई ऐसा नहीं कर रहा है, तो मैं इसे करूंगी। शायद यह समुद्र में एक बूंद के बराबर है, लेकिन मैंने एक बात सीखी है कि अगर आप लोगों को सिखाना चाहते हैं, तो सबसे अच्छी बात यह है कि खुद एक उदाहरण बनें। लोग नोटिस करना शुरू कर देते हैं।’’

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विदेशी महिला ने कहा कि वह पर्यावरण के बारे में जन जागरूकता पैदा करना चाहती हैं।

स्पांडरमैन ने कहा, ‘मुझे पर्यावरण की परवाह है, मैं चाहती हूं कि यह साफ रहे। लेकिन, यहां इतनी गंदगी है कि मैं इसे अकेले नहीं कर सकती। इसे साफ करने और लोगों में जागरूकता पैदा करने का यह मेरा तरीका है। मैंने देखा है कि अब जब मैं कचरा इकट्ठा करती हूं, तो न केवल यहां बल्कि नदियों और जंगलों में भी लोग मेरी मदद करने लगते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि अगर सभी लोग मेरी मदद करेंगे तो पूरे कश्मीर को दो साल के भीतर साफ किया जा सकता है। मैं वास्तव में इस पर विश्वास करती हूं। कई कश्मीरी कहते हैं कि इसमें 1,000 साल लगेंगे…नहीं, आप एक पीढ़ी के भीतर ही सब कुछ सिखा सकते हैं।’

स्पांडरमैन ने कहा कि उन्होंने अपने काम से लोगों का ध्यान खींचा है। उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर एलसीएमए (झील संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण) के उपाध्यक्ष ने मुझे अपने पास आकर बात करने के लिए कहा। वे मेरे साथ काम करना चाहते हैं और स्कूलों में बच्चों को शिक्षित करने के लिए मेरे ज्ञान का उपयोग करना चाहते हैं।’

जब स्पांडरमैन कचरा इकट्ठा नहीं कर रही होती हैं, तो वह अक्सर शहर की सड़कों पर साइकिल चलाती हैं, खासकर फोरशोर रोड पर।

उन्होंने कहा, ‘कभी-कभी मैं व्यस्त होती हूं और मैं इसे दैनिक आधार पर नहीं कर सकती। अधिकांश दिनों में मैं ऐसा तब करती हूं जब मेरे पास करने के लिए कुछ नहीं होता। फिर मैं झीलों पर जाती हूं, तैराकी करती हूं, साइकिल चलाती हूं, पैदल यात्रा करती हूं और रास्ते में कचरा इकट्ठा करती हूं।’’

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स्पांडरमैन अकेले ही सफाई करती हैं — बिना किसी सहायता या वित्तीय मदद के। उनका छोटा सा ‘शिकारा’ है।

डल झील कई कश्मीरियों के लिए आजीविका का स्रोत और पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र है। हालांकि, पिछले कुछ सालों में, झील प्रदूषण और अतिक्रमण का शिकार हुई है। सरकार द्वारा गाद निकालने, कचरा साफ करने और अतिक्रमण विरोधी अभियान जैसे प्रयास किए गए हैं, लेकिन झील अभी भी खतरे का सामना कर रही है।

डच पर्यटक ने कहा कि वह झील को अपना घर मानती हैं और इसे कुछ वापस देना चाहती है।

स्थानीय निवासी यावर अहमद ने बताया कि उन्होंने स्पांडरमैन को कई बार प्लास्टिक कचरा इकट्ठा करते देखा है। उन्होंने कहा, ‘वह जो कर रही हैं, वह वाकई सराहनीय है। मैं अक्सर सोचता हूं कि अगर एक विदेशी पर्यटक महिला ऐसा कर सकती है, तो हम क्यों नहीं कर सकते?’

भाषा आशीष नरेश

नरेश

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