मुंबई, दो जुलाई (भाषा) किसानों को सोयाबीन खरीद के लिए कथित तौर पर भुगतान नहीं किए जाने के मुद्दे पर हंगामे के बाद विपक्षी सदस्यों ने बुधवार को महाराष्ट्र विधानसभा से बहिर्गमन किया।
सोयाबीन खरीद में अनियमितताओं और किसानों को भुगतान में देरी का विपक्ष द्वारा आरोप लगाये जाने के बाद सदन में गरमागरम बहस हुई।
कांग्रेस सदस्य विजय वडेट्टीवार ने दावा किया कि सोयाबीन उत्पादकों को उनकी उपज की खरीद के लिए भुगतान नहीं किया गया है।
सहकारिता एवं विपणन मंत्री जयकुमार रावल ने सदन को बताया कि इस वर्ष राज्य में 562 केंद्रों पर रिकॉर्ड मात्रा में सोयाबीन की खरीद की गई। रावल ने कहा, ‘‘51,000 से अधिक किसानों ने अपनी उपज बेची और 5,500 करोड़ रुपये सीधे उनके बैंक खातों में भेजे गए।’’
हालांकि, अकोला जिले के बालापुर तालुका में एक घटना को लेकर विवाद खड़ा हो गया।
मंत्री ने कहा कि किसानों का एक समूह, अंदुरा शेतकरी कंपनी, खरीद रिकॉर्ड में दर्ज होने के बावजूद गोदाम में 1,297 क्विंटल सोयाबीन पहुंचाने में विफल रही। उन्होंने कहा कि कंपनी प्रमुख के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है और जांच लंबित रहने तक 36 लाख रुपये रोक लिये गए हैं।
रावल ने आश्वासन दिया कि विसंगति से प्रभावित किसानों को भुगतान सुनिश्चित करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
मूल प्रश्न विधायक दौलत दरोदा ने उठाया, जिसके बाद हेमंत ओगले, रणधीर सावरकर, नाना पटोले, रोहित पवार, कैलास पाटिल और जयंत पाटिल ने पूरक प्रश्न पूछे। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने विरोध स्वरूप सदन से बहिर्गमन किया।
भाषा अमित शफीक
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