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Tuesday, September 2, 2025

संयुक्त रैली में राज, उद्धव के भाषण औचित्यहीन और तथ्यों से परे: भाजपा नेता शेलार

Newsसंयुक्त रैली में राज, उद्धव के भाषण औचित्यहीन और तथ्यों से परे: भाजपा नेता शेलार

मुंबई, छह जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के मंत्री आशीष शेलार ने राज और उद्धव ठाकरे द्वारा शनिवार को आयोजित एक जनसभा में दिये भाषणों को रविवार को औचित्यहीन, तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने वाला और वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास करार दिया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता शेलार ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में शिवसेना प्रमुख और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर विशुद्ध रूप से राजनीतिक लाभ के लिए गठबंधन बदलने का आरोप लगाया।

शेलार ने दावा किया, ‘‘उन्होंने (उद्धव) पहले राज्य और बीएमसी (नकदी संपन्न बृहन्मुंबई नगरमहापालिका) में सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया। जब उन्हें लगा कि वह मुख्यमंत्री बन सकते हैं, तो उन्होंने (तत्कालीन अविभाजित) राकांपा और कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया। अब, बीएमसी में सत्ता बरकरार रखने के लिए वह मनसे को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।’’

शेलार ने कहा कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर हिंदी भाषी लोगों पर किए गए हमले निराशाजनक हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘मराठी हमारे लिए कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है।’’

शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई एवं मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने करीब दो दशकों में पहली बार शनिवार को मुंबई में एक रैली में मंच साझा किया।

दोनों चचेरे भाइयों ने भाजपा के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ ‘महायुति’ के उस फैसले का जश्न मनाने के लिए संयुक्त रैली आयोजित की थी, जिसमें राज्य के विद्यालयों में पहली कक्षा से हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल करने संबंधी दो सरकारी आदेशों को वापस ले लिया गया था।

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रैली में उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह और राज ठाकरे एकजुट रहने के लिए एक साथ आए हैं। उन्होंने आगामी महाराष्ट्र नगर निकाय चुनाव मिलकर लड़ने का संकेत दिया।

राज ठाकरे ने चुटकी लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दोनों चचेरे भाइयों को एक साथ लाकर वह काम कर दिया है जो शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे और अन्य नहीं कर सके।

शेलार ने दावा किया, ‘‘कल का संयुक्त कार्यक्रम और भाषण अधूरे ही देखे जा सकते हैं, जिसमें एक भाषण अस्पष्ट था और दूसरा अप्रासंगिक था। पूरा कार्यक्रम अवास्तविक था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब उनमें से एक ने मराठी के मुद्दे पर बोलने की कोशिश की तो तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। उनके तर्क भ्रामक थे और उनका बिंदुवार खंडन किया जा सकता है।’’

शेलार ने दावा किया कि दोनों नेताओं के भाषण सार के बजाय व्यंग्य और राजनीतिक दिखावे से भरे हुए थे।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘उद्धव का भाषण औचित्यहीन था, सत्ता खोने के अफसोस और बेचैनी से भरा था। राज का भाषण अधूरा था और वास्तविक मुद्दे से भटका हुआ था। दोनों नेता नगर निकाय चुनावों से पहले डर से प्रेरित लग रहे थे। उनके भाषण अंधेरे में चलने से डरने वाले लोगों के भाषणों जैसे थे।’’

राज ठाकरे ने सवाल किया था कि उत्तर भारत के कितने राज्यों ने त्रिभाषा नीति अपनाई है? इसके जवाब में शेलार ने कहा कि देश में लगभग 22 राज्यों ने या तो त्रिभाषा नीति को स्वीकार कर लिया है या इसे लागू कर दिया है।

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर निर्णय राज्य सरकार का है और कुछ राज्यों ने भी इसी के अनुरूप निर्णय लिया है।

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शेलार ने कहा, ‘‘हम यह कह रहे हैं कि उन्हें (ठाकरे को) इस बात से कोई आपत्ति नहीं है कि उनके अपने बच्चे तीन भाषाएं पढ़ाने वाले विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त करें, लेकिन जब दूसरों को यही अवसर मिलता है तो वे इसका विरोध करते हैं।’’

भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री फडणवीस पर कथित व्यक्तिगत हमलों की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘हम भी उनकी आलोचना करने के लिए व्यक्तिगत टिप्पणी कर सकते हैं। लेकिन क्या सार्वजनिक बातचीत में उनमें कोई शालीनता है?’’

शेलार ने कहा, ‘‘लोग अभद्र या जातिवादी भाषा का इस्तेमाल तभी करते हैं जब उनके पास कोई वाजिब दलील नहीं होती। अगर हम उस भाषा में बात करना शुरू करेंगे तो वे इसे बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे।’’

उन्होंने यह भी कहा कि ठाकरे परिवार इस मुद्दे को सुलझाने में फडणवीस की भूमिका को स्वीकार करने में विफल रहा है।

शेलार ने कहा, ‘‘यदि उनकी दलीलों में ईमानदारी होती, तो वे मुख्यमंत्री फडणवीस को बधाई देते। उन्होंने ही शुरुआती सरकारी आदेश से ‘अनिवार्य’ शब्द हटाया था और फिर भ्रम से बचने के लिए दोनों सरकारी आदेश वापस ले लिए थे। लेकिन वे ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि उनके इरादे बेईमान हैं।’’

शेलार ने दावा किया कि जब मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया तो न तो उद्धव और न ही राज ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई दी थी।

भाजपा नेताओं के अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में पढ़े होने संबंधी राज ठाकरे की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए शेलार ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी और अन्य भाजपा नेताओं ने कभी हिंदी का विरोध नहीं किया।

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उन्होंने कहा, ‘‘मुद्दा वैकल्पिक तीसरी भाषा के रूप में हिंदी के बारे में था, लेकिन राज ने असंबंधित बिंदु उठाए, जिससे उनका भाषण अधूरा रह गया।’’

शेलार ने कहा कि वे अपने बच्चों को हिंदी समेत तीन भाषाएं पढ़ाने वाले विद्यालयों में दाखिला दिलाते हैं, लेकिन दूसरों को ऐसा करने से रोकना चाहते हैं। यह ‘पाखंड’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे शिवसेना(उबाठा) या मनसे का एक नेता का नाम बताइए जिसने बॉम्बे स्कॉटिश स्कूल का नाम बदलकर मुंबई करने की मांग की हो।’’

शेलार ने मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर हिंदी भाषी लोगों पर हमले के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘पहलगाम आतंकी हमले में लोगों को गोली मारने से पहले उनका धर्म पूछा गया था। यहां लोगों पर उनकी भाषा के आधार पर हमला किया जा रहा है। यह निराशाजनक है।’’

मंत्री ने कहा कि राज्य देख रहा है कि कैसे ये नेता अन्य हिंदुओं की पिटाई का ‘आनंद’ ले रहे हैं।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते भाजपा मराठी लोगों के सम्मान की रक्षा करेगी और साथ ही गैर-मराठी निवासियों की भी रक्षा करेगी।

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘मराठी हमारे लिए कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है।’’

भाषा धीरज रंजन

रंजन

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