गुरुग्राम, 24 जुलाई (भाषा) बांग्ला भाषी प्रवासी श्रमिकों को हिरासत में लिए जाने के आरोपों के बीच गुरुग्राम पुलिस ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसका अभियान अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए है और सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने तक संदिग्धों को विशेष स्थान पर रखा जा रहा है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए सत्यापन प्रक्रिया जारी है और उन्होंने उन खबरों का खंडन किया जिसमें कहा गया कि पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिकों को हिरासत में लिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान पुलिस ने आठ अवैध प्रवासियों की पहचान की है और इनके बांग्लादेशी होने का शक है। उन्होंने बताया कि पुष्टि के लिए कुछ और सत्यापन किए जा रहे हैं।
गुरुग्राम के पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) अर्पित जैन ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन पर बताया, ‘‘हम संदिग्ध अवैध प्रवासियों के मामले में केंद्र के दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं। हम उन्हें हिरासत में नहीं ले रहे हैं, बल्कि सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने तक उन्हें ‘होल्डिंग एरिया’ में रखा जा रहा है और तदनुसार, हम उन्हें जाने दे रहे हैं।’’
जैन ने कहा, ‘‘उन्हें होल्डिंग एरिया में रखने का एकमात्र उद्देश्य यह है कि कोई भी अवैध प्रवासी फरार न सके।’’
हालांकि, पुलिस अधिकारी ने ‘होल्डिंग एरिया’ के मतलब को स्पष्ट नहीं किया और केवल इतना ही बताया कि गुरुग्राम के चार पुलिस जोन में चार अलग-अलग ‘होल्डिंग एरिया’ बनाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि गुरुग्राम पुलिस अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए पूरे वर्ष अभियान चलाती रहती है।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि निर्धारित अवधि से अधिक समय तक ठहरने वालों, अवैध रूप से या वैध दस्तावेजों के बिना देश में रहने वाले लोगों को निर्वासित किया जाता है।
मौजूदा अभियान के बारे में जैन ने कहा कि प्रत्येक संदिग्ध व्यक्ति का विवरण सत्यापन के लिए संबंधित राज्य के जिलाधिकारी या उपायुक्त को भेजा जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब हमें वहां से रिपोर्ट मिलती है तो हम उसके आधार पर आगे की कार्रवाई करते हैं।’’
भाषा खारी नरेश अविनाश
अविनाश