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Tuesday, September 2, 2025

जो ‘लोकतंत्र’ सही से लिख नहीं सकते, वे लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने निकले हैं: भाजपा का विपक्ष पर प्रहार

Newsजो ‘लोकतंत्र’ सही से लिख नहीं सकते, वे लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने निकले हैं: भाजपा का विपक्ष पर प्रहार

नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन के दौरान ‘लोकतंत्र’ की गलत वर्तनी वाले बैनर को लेकर विपक्षी दलों पर कटाक्ष करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि जो लोग उक्त शब्द लिखना भी नहीं जानते, वे लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने निकल पड़े हैं।

इससे पहले कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा समेत विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के कई सांसदों ने बिहार में निर्वाचन आयोग द्वारा किये जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया था।

उनके सामने एक बड़ा बैनर था जिस पर लिखा था: ‘एसआईआर- लोकतंतर पर वार’। ये विपक्षी सांसद संसद के मकर द्वार की सीढ़ियों पर खड़े होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे तथा ‘लोकतंत्र बचाओ’ और ‘वोटबंदी बंद करो’ जैसे नारे लगा रहे थे।

बैनर में ‘लोकतंत्र’ की गलत वर्तनी को लेकर विपक्षी दलों का मजाक उड़ाते हुए, भाजपा की आईटी शाखा के प्रमुख अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ लोकतंत्र होता है, न कि लोकतंतर।’’

‘इंडिया’ गठबंधन के विरोध प्रदर्शन की तस्वीर पोस्ट करते हुए भाजपा ने ‘लोकतंत्र’ की वर्तनी को लेकर विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जो लोग ‘लोकतंत्र’ लिखना तक नहीं जानते, वे लोकतंत्र पर पाठ पढ़ाने निकल पड़े हैं।’’

इस मुद्दे पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वे ‘परिवार तंत्र और आपातकाल’ की वर्तनी लिख और उसे बचा सकते हैं, जिसमें वे विश्वास करते हैं, ‘लोकतंत्र’ को नहीं।

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उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘कांग्रेस को दोष नहीं दिया जा सकता। वे न तो ‘लोकतंत्र’ लिख सकते हैं और न ही बचा सकते हैं। वे ‘परिवार तंत्र’ और ‘आपातकाल’ में विश्वास करते हैं। निश्चित रूप से, वे उसे ठीक से लिख सकते हैं और बचा सकते हैं।’’

विपक्षी दलों का ‘इंडिया’ गठबंधन संसद के दोनों सदनों में मौजूदा एसआईआर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है और आरोप लगा रहा है कि निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू की गई इस कवायद का उद्देश्य बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करना है।

भाषा राजकुमार नोमान

नोमान

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