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Monday, September 1, 2025

टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने नयी पार्टी बनाने की चेतावनी दी

Newsटीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने नयी पार्टी बनाने की चेतावनी दी

कोलकाता, 24 जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक हुमायूं कबीर ने चेतावनी दी कि यदि पार्टी 15 अगस्त तक मुर्शिदाबाद में अपने जिला-स्तरीय नेतृत्व में ‘‘सुधार’’ करने में विफल रहती है, तो वह एक नया राजनीतिक संगठन बनाएंगे।

इस चेतावनी को अधिक तवज्जो न देते हुए टीएमसी ने कहा कि कबीर को पार्टी अनुशासन तोड़ने के लिए कई बार कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है और वह कभी भी पार्टी छोड़ सकते हैं।

मुर्शिदाबाद जिले के भरतपुर से टीएमसी विधायक कबीर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं 15 अगस्त तक इंतजार करूंगा। यदि जिला नेतृत्व में कोई बदलाव या सुधार नहीं होता है, तो मेरे पास लोगों की बात सुनने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, जिनमें मुस्लिम और कुछ हिंदू दोनों शामिल हैं, जो मुझसे वैकल्पिक रास्ता अपनाने का आग्रह कर रहे हैं।’’

उन्होंने यह भी संकेत दिया कि मुस्लिम बहुल क्षेत्रीय पार्टी के गठन से मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तर दिनाजपुर तथा नादिया और दक्षिण दिनाजपुर जिलों के कुछ हिस्सों में समीकरण बदल सकते हैं।

विधायक ने कहा, ‘‘केवल एक हुमायूं कबीर नहीं होगा, बल्कि अनेक होंगे।’’ उन्होंने कहा कि उनका नया मंच टीएमसी के असंतुष्ट तत्वों और सामुदायिक नेताओं को आकर्षित कर सकता है।

कबीर ने कहा कि उनकी नयी पार्टी की आधिकारिक तौर पर शुरुआत एक जनवरी, 2026 को होगी और पूरे बंगाल में 50 से 52 सीट पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि उनकी नयी पार्टी मुख्य रूप से अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों पर ध्यान देगी।

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इस पर पलटवार करते हुए टीएमसी के प्रदेश उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने 15 अगस्त की समय सीमा को एक ‘‘स्टंट’’ करार दिया।

मजमूदार ने कहा, ‘‘यदि वह नयी पार्टी बनाना चाहते हैं, तो उन्हें कोई नहीं रोक रहा। लेकिन पहले उन्हें इस्तीफा देना होगा। पार्टी खुद से तय की गई समयसीमाओं की परवाह नहीं करती। अगर वह चाहें तो कल ही पार्टी छोड़ सकते हैं।’’

मजूमदार ने कहा, ‘‘पार्टी के अपने नियम होते हैं। यदि आप बने रहना चाहते हैं, तो उनका पालन करें। वरना रास्ता खुला है।’’

हालांकि कबीर ने कहा, ‘‘यदि मुझे ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया, तो मैं न सिर्फ अपनी सीट जीतूंगा, बल्कि मेरे कई साथी भी जीतेंगे। और जब हम ऐसा करेंगे, तो हम मजबूत स्थिति में ममता बनर्जी के साथ बातचीत करेंगे।’’

कबीर की बगावत को लेकर विपक्ष की ओर से तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है।

भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा, ‘‘उनकी कोई विश्वसनीयता नहीं है। उन्होंने पहले भी बड़े-बड़े दावे किए हैं और कुछ नहीं किया। उनके अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में उनके पुतले जलाए जा रहे हैं। टीएमसी कार्यकर्ता उनके पोस्टरों पर जूते फेंक रहे हैं। पहले उन्हें कार्रवाई करने दीजिए, फिर हम बात करेंगे।’’

माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने भी कबीर के इस संभावित राजनीतिक कदम को लेकर उन पर कटाक्ष किया।

चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘वह पहले कांग्रेस में रहे, फिर भाजपा में, फिर तृणमूल कांग्रेस में और इसके बाद फिर कांग्रेस में लौटे और फिर तृणमूल कांग्रेस में। अब वह नयी पार्टी की बात कर रहे हैं? यह राजनीति नहीं, अवसरवादी सौदेबाजी है।’’

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चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘वह (कबीर) कहते हैं कि वह ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी दोनों के साथ हैं। इसलिए, यदि वह दोनों के साथ हैं, तो वह किसके खिलाफ बगावत कर रहे हैं? यह टिकट वितरण से पहले सौदेबाजी मात्र है।’’

हालांकि, कबीर ने स्पष्ट किया कि ममता बनर्जी या अभिषेक बनर्जी के प्रति उनकी कोई ‘‘व्यक्तिगत रंजिश’’ नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी लड़ाई जिला स्तर के उन नेताओं से है जो भ्रष्ट और निरंकुश हैं।’’

भाषा देवेंद्र शफीक

शफीक

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