नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय में दायर एक याचिका में राजनीतिक दलों को कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध एवं निवारण) अधिनियम, 2013 के प्रावधानों का पालन करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
याचिका में कहा गया है कि राजनीतिक दल 2013 के अधिनियम के दायरे में आते हैं, इसलिए वे इसमें उल्लिखित प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए बाध्य हैं।
याचिका के अनुसार याचिकाकर्ता योगमाया एमजी ने 2024 में शीर्ष अदालत में इसी तरह की याचिका दायर की थी जिसने उन्हें सक्षम प्राधिकारी के पास जाने की स्वतंत्रता दी थी।
याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने भारत निर्वाचन आयोग को एक प्रतिवेदन भेजा लेकिन आज तक कोई जवाब नहीं मिला।
अब याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से राजनीतिक दलों को महिलाओं के लिए सुरक्षित व समावेशी कार्य वातावरण सुनिश्चित करने तथा यौन उत्पीड़न को रोकने व उससे निपटने के लिए पार्टियों को जवाबदेह बनाने का निर्देश देने की मांग की है।
केंद्र सरकार और भाजपा तथा कांग्रेस समेत राजनीतिक दलों को प्रतिवादी बनाते हुए याचिका में ऐतिहासिक विशाखा निर्णय और यौन उत्पीड़न की समस्या से निपटने के लिए 2013 के अधिनियम में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप शिकायत निवारण तंत्र गठित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
भाषा जोहेब नरेश
नरेश