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Thursday, September 4, 2025

ब्रिटेन में सामाजिक सुरक्षा अंशदान से तीन साल की छूट, 75,000 भारतीय पेशेवरों को होगा फायदा

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नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) ब्रिटेन में परिचालन करने वाली टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इन्फोसिस जैसी देश की प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों को अब वहां (ब्रिटेन में) स्थानांतरित किए गए अपने कर्मचारियों के लिए तीन साल तक सामाजिक सुरक्षा अंशदान करने की जरूरत नहीं होगी।

वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इससे 75,000 से अधिक भारतीय पेशेवरों और 900 से अधिक नियोक्ताओं को लाभ मिलने का अनुमान है। इससे भारतीय पेशेवरों और उनके नियोक्ताओं को ब्रिटेन में 36 महीने तक रहने के लिए इन अंशदानों से छूट मिल जाएगी।

यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ब्रिटेन 283 अरब डॉलर के भारतीय आईटी उद्योग के लिए दूसरा सबसे बड़ा निर्यात बाजार है। भारत के आईटी निर्यात में ब्रिटेन की हिस्सेदारी 17 प्रतिशत है।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि दोहरे अंशदान समझौते के तहत ब्रिटेन में सामाजिक सुरक्षा अंशदान से तीन साल की छूट भारतीय पेशेवरों और उनके नियोक्ताओं के लिए एक ‘महत्वपूर्ण सफलता’ है।

गोयल ने साथ ही कहा कि दोनों पक्षों के बीच इस ‘ऐतिहासिक’ व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने से सूचना प्रौद्योगिकी, सेवा एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत की प्रतिभाओं को ब्रिटेन के उच्च मूल्य वाले बाजारों तक आसान पहुंच का लाभ मिलेगा।

भारत और ब्रिटेन ने एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे ब्रिटिश व्हिस्की, कारों और कई वस्तुओं पर शुल्क में कटौती का प्रस्ताव है। साथ ही 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने में मदद मिलेगी, जो वर्तमान में 56 अरब डॉलर है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर की उपस्थिति में बृहस्पतिवार को लंदन में दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए गए।

गोयल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ आईटी, सेवाओं और शिक्षा के क्षेत्र में भारत की प्रतिभा को ब्रिटेन के उच्च मूल्य वाले बाजारों तक आसान पहुंच का लाभ मिलेगा।’’

उन्होंने ब्रिटेन में सामाजिक सुरक्षा अंशदान से तीन वर्ष की छूट (दोहरे अंशदान समझौते के तहत) को भारतीय पेशेवरों एवं उनके नियोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।

गोयल ने कहा, ‘‘भारत-ब्रिटेन एफटीए हमारे स्टार्टअप के लिए ब्रिटेन के ग्राहकों, निवेशकों और नवाचार केंद्रों के द्वार खोलेगा जिससे उन्हें वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति बढ़ाने में मदद मिलेगी।’’

भारत-ब्रिटेन एफटीए भारत के इलेक्ट्रॉनिक निर्यात को भी बढ़ावा देने के लिए तैयार है। शून्य-शुल्क पहुंच से इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के निर्यात में तेजी आने की उम्मीद है। साथ ही ब्रिटेन के ऑप्टिकल फाइबर केबल और इन्वर्टर बाजार में भारत की पकड़ मजबूत होगी।

यह सॉफ्टवेयर सेवाओं के विकास को भी बढ़ावा देगा, क्योंकि सॉफ्टवेयर और आईटी-सक्षम सेवाओं के लिए ब्रिटेन की महत्वाकांक्षी प्रतिबद्धताओं से नए बाजार खुलते दिख रहे हैं। वहीं रोजगार सृजन को बढ़ावा मिल रहा है और भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियों के लिए अवसर बढ़ रहे हैं।

सॉफ्टवेयर विकास और नेटवर्क अवसंरचना के लिए प्रतिस्पर्धी पहुंच से भी डिजिटल व्यापार में वृद्धि को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

भाषा अनुराग अजय

अजय

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