नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) निर्वाचन आयोग (ईसी) ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस दावे पर कड़ी आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कर्नाटक की एक विधानसभा सीट पर आयोग पर ‘धोखाधड़ी की अनुमति देने’ का आरोप लगाया था। आयोग ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता ने न केवल ‘बेबुनियाद आरोप’ लगाए, बल्कि एक संवैधानिक संस्था को ‘धमकाने’ का भी प्रयास किया।
गांधी ने कहा कि कांग्रेस के पास इस बात के ‘ ठोस एवं सौ प्रतिशत ठोस’ हैं कि निर्वाचन आयोग ने कर्नाटक की एक विधानसभा सीट पर ‘धोखाधड़ी की अनुमति दी’। उन्होंने चुनाव आयोग को चेतावनी देते हुए कहा, ‘आप इससे बच नहीं पाएंगे, क्योंकि हम आपका पीछा नहीं छोड़ने वाले।’
गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए निर्वाचन आयोग ने कहा कि जहां तक कर्नाटक चुनावों का सवाल है, यह “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 80 के अनुसार चुनाव याचिका दायर करने, या यदि दायर की गई है तो उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार करने के बजाय, उन्होंने न केवल “निराधार आरोप” लगाए, बल्कि एक संवैधानिक संस्था यानी निर्वाचन आयोग को ‘धमकी देने’ का विकल्प भी चुना है।
गांधी ने आरोप लगाया कि ईसी भारत के निर्वाचन आयोग के रूप में काम नहीं कर रहा और ”अपना दायित्व नहीं निभा रहा”।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और बिहार विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का विकल्प खुले होने से संबंधित राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव की कथित टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा कि उनकी पार्टी के पास कर्नाटक में एक सीट पर धोखाधड़ी की अनुमति दिए जाने के “ ठोस एवं 100 प्रतिशत सबूत” हैं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘हमने सिर्फ एक निर्वाचन क्षेत्र का जायजा लिया और हमें ये सब मिला। मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि एक के बाद एक सीट पर यही यही नाटक चल रहा है… मैं निर्वाचन आयोग को एक संदेश देना चाहता हूं — अगर आपको लगता है कि आप इससे बच निकलेंगे, अगर आपके अधिकारी सोचते हैं कि वे इससे बच जाएंगे, तो आप गलतफहमी में हैं। आप इससे बच नहीं पाएंगे क्योंकि हम आपका पीछा नहीं छोड़ने वाले।”
भाषा जोहेब पवनेश
पवनेश