लंदन, 24 जुलाई (भाषा): भारत और ब्रिटेन ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को व्यापक रूप से बढ़ावा देना है। इस समझौते के तहत कार, कपड़ा, व्हिस्की सहित कई उत्पादों पर शुल्क समाप्त कर दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर की मौजूदगी में हस्ताक्षरित व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता (सीईटीए) दोनों देशों के बीच नए व्यापार युग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।
साथ ही, दोनों देशों ने ‘विजन 2035’ का अनावरण किया, जो रक्षा, प्रौद्योगिकी, स्वच्छ ऊर्जा और प्रवासन जैसे क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग को नई दिशा देगा।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और उनके ब्रिटिश समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स द्वारा किए गए इस समझौते का उद्देश्य हर साल लगभग 34 अरब अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को साकार करना है। यह ब्रेक्ज़िट के बाद ब्रिटेन द्वारा किया गया अब तक का सबसे बड़ा और आर्थिक दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण समझौता है।
सामाजिक सुरक्षा में छूट
दोनों पक्षों के बीच दोहरा अंशदान समझौता (DCC) भी हुआ, जिसके तहत भारतीय कर्मचारियों को ब्रिटेन में तीन वर्षों तक सामाजिक सुरक्षा अंशदान से छूट मिलेगी। यह प्रावधान विशेष रूप से भारतीय पेशेवरों के लिए लाभकारी होगा।
रक्षा सहयोग और खालिस्तान पर चिंता
वार्ता के दौरान, भारत और ब्रिटेन ने रक्षा उत्पादों के सह-विकास और सह-उत्पादन के लिए एक औद्योगिक रूपरेखा पर सहमति जताई। इसके साथ ही, CBI और ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी के बीच सुरक्षा सहयोग पर समझौता हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटिश धरती से खालिस्तान समर्थक गतिविधियों को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि “चरमपंथी ताकतों को लोकतंत्र की स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करने देना चाहिए। जो लोग लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करना चाहते हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराना आवश्यक है।”
युवाओं और MSME को लाभ
मोदी ने इस व्यापार समझौते को “हमारी साझा समृद्धि का खाका” बताते हुए कहा कि इससे युवाओं, किसानों, मछुआरों और MSME क्षेत्रों को विशेष रूप से लाभ होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इससे ब्रिटेन में बने चिकित्सा और वैमानिकी उपकरण भारत में सुलभ कीमतों पर उपलब्ध हो सकेंगे।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर ने कहा कि यह समझौता ब्रिटेन के लिए एक बड़ी जीत है, जो हजारों नई नौकरियों और व्यवसायों के नए अवसरों को जन्म देगा। उन्होंने कहा कि इससे कपड़े, जूते और खाद्य सामग्री जैसी वस्तुओं की कीमतों में कमी आएगी।
‘विजन 2035’ और प्रौद्योगिकी साझेदारी
दोनों नेताओं ने ‘विजन 2035’ को भविष्य की साझेदारी के लिए रोडमैप बताया, जो प्रौद्योगिकी, रक्षा, जलवायु, शिक्षा और लोगों के आपसी संपर्क को और मजबूत करेगा।
‘विजन 2035’ के तहत प्रौद्योगिकी सहयोग को आगे बढ़ाते हुए ‘टेक्नोलॉजी एंड सिक्योरिटी इनिशिएटिव (TSI)’ के त्वरित क्रियान्वयन की भी प्रतिबद्धता जताई गई। इस पहल का फोकस AI, दूरसंचार, महत्वपूर्ण खनिज, सेमीकंडक्टर, बायोटेक्नोलॉजी और क्वांटम टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों पर होगा।
शिक्षा क्षेत्र में सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी और स्टार्मर ने शिक्षा क्षेत्र में बढ़ती साझेदारी पर संतोष व्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन के छह विश्वविद्यालय भारत की नई शिक्षा नीति (NEP) के अंतर्गत अपने परिसर भारत में खोलने के लिए कार्यरत हैं।
(भाषा)
पारुल / आशीष