हैदराबाद, 25 जुलाई (भाषा) सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) ने महिलाओं को दो खदानों के संचालन का अधिकार देने के बाद अब अपने 136 साल के इतिहास में पहली बार 13 सदस्यीय महिला खदान बचाव दल का गठन किया है।
यह राज्य सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी की एक ऐतिहासिक पहल मानी जा रही है। साथ ही, कंपनी की योजना है कि भविष्य में और अधिक महिलाओं को इस टीम में प्रशिक्षित कर शामिल किया जाए।
एससीसीएल के महाप्रबंधक (बचाव) श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि पहली 13 सदस्यीय महिला बचाव टीम को हाल ही में 14 दिन के विशेष प्रशिक्षण के बाद प्रमाण पत्र प्रदान किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा दूसरे दल में आठ और महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। ऐसी योजना है कि दिसंबर 2025 तक कुल 35 सदस्यीय महिला बचाव टीम तैयार की जाए।
रेड्डी ने कहा, ‘‘एससीसीएल के खदान बचाव स्टेशन में प्रशिक्षित की गयीं महिला बचाव दल की सदस्य भूमिगत और खुली दोनों प्रकार की खदानों में कार्य करेंगी। उन्हें ऐसे वातावरण में काम करने का प्रशिक्षण दिया गया है जहां ऑक्सीजन नहीं होती, ताकि वहां बेहोश पड़े या कार्बन डाइऑक्साइड व कार्बन मोनोऑक्साइड से प्रभावित हुए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।’’
उन्होंने बताया कि एससीसीएल आवश्यकता पड़ने पर आपात स्थिति में उन्हें तैनात करेगा और फंसे हुए लोगों को बचाने का प्रयास करेगा।
इससे पहले, भूमिगत खनन गतिविधियों में केवल पुरुष ही शामिल होते थे और कई कारणों से महिलाओं को इन कार्यों में तैनात नहीं किया जाता था।
हालांकि, 2019 में केंद्र सरकार द्वारा एक अधिसूचना जारी की गई थी जिसमें महिलाओं को प्रबंधकीय, पर्यवेक्षी और तकनीकी संवर्गों में भूमिगत खदानों में काम करने के लिए भर्ती करने की अनुमति दी गई थी।
खनन इंजीनियर वी. कृष्णावेनी दिसंबर 2024 में एससीसीएल में शामिल हुईं और अब पूरी तरह से महिलाओं वाली बचाव टीम की सदस्य हैं। कृष्णावेनी ने कहा कि वह इस समूह का हिस्सा बनकर गौरवान्वित हैं।
भाषा गोला मनीषा
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