अमृतसर, 25 जुलाई (भाषा) शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत वर्षगांठ के उपलक्ष्य में श्रीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘मनोरंजक प्रस्तुतियों’ पर शुक्रवार को कड़ी आपत्ति जताई और इसे सिखों के धार्मिक मूल्यों का ‘अपमान’ करार दिया।
एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत वर्षगांठ के उपलक्ष्य में बृहस्पतिवार रात श्रीनगर में पंजाब सरकार के भाषा विभाग की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान गायन एवं नृत्य से जुड़ी कथित मनोरंजक प्रस्तुतियों की निंदा की।
शुक्रवार को यहां जारी एक बयान में धामी ने कहा कि जिस तरह से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया, वह गुरु के सर्वोच्च बलिदान की शुचिता के खिलाफ है और सिखों के धार्मिक मूल्यों एवं गुरु तेग बहादुर के मूल दर्शन का स्पष्ट अपमान है।
उन्होंने पंजाब सरकार से ‘इस गंभीर चूक के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्पष्ट एवं सख्त दिशानिर्देश जारी करने का आह्वान किया।
धामी ने कहा कि सरकारी कार्यक्रम की प्रस्तुतियों ने शहादत की अवधारणा एवं प्रतिष्ठित सिख आचार संहिता (गुरमत मर्यादा) दोनों पर प्रहार किया।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गुरु तेग बहादुर की शहादत विश्व के धार्मिक इतिहास में अद्वितीय और सर्वोच्च स्थान रखती है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सिख परंपराओं एवं गुरुओं के सम्मान के प्रति किसी भी प्रकार का अनादर सिख समुदाय कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।
भाषा जितेंद्र रंजन
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