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Thursday, September 4, 2025

धनबाद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की 31 जुलाई को स्वागत की तैयारी

Newsधनबाद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की 31 जुलाई को स्वागत की तैयारी

धनबाद (झारखंड), 28 जुलाई (भाषा) झारखंड का धनबाद शहर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के 31 जुलाई से शुरू होने वाले राज्य के आगामी दो दिवसीय दौरे के दौरान उनके स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है।

अधिकारियों ने बताया कि यात्रा कार्यक्रम के अनुसार राष्ट्रपति मुर्मू एक अगस्त को यहां 99 साल पुराने आईआईटी इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स (आईएसएम) के 45वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी।

उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में राज्यपाल संतोष गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भी मौजूद रहने की उम्मीद है।

अधिकारियों ने बताया कि धनबाद कार्यक्रम के अलावा राष्ट्रपति एम्स, देवघर के पहले दीक्षांत समारोह में भी शामिल होंगी।

अधिकारियों ने बताया कि मुर्मू के दौरे के मद्देनजर उपायुक्त आदित्य रंजन ने धनबाद हवाई पट्टी क्षेत्र को 31 जुलाई को सुबह 10 बजे से एक अगस्त को शाम छह बजे तक 32 घंटे के लिए ‘नो-फ्लाइंग जोन’ (उड़ान निषिद्ध क्षेत्र) घोषित किया है।

इसके अलावा सभी वरिष्ठ अधिकारियों की छुट्टियां दो दिनों के लिए रद्द कर दी गई हैं।

अधिकारियों ने कहा कि इस अवधि के दौरान ड्रोन और गर्म हवा के गुब्बारे उड़ाना और पैराग्लाइडिंग निलंबित रहेगी।

अधिकारियों के मुताबिक, राष्ट्रपति मुर्मू भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-आईएसएम के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए करीब एक घंटे तक धनबाद में रहेंगी।

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि वह दोपहर को आएंगी और समारोह में भाग लेने के बाद दोपहर एक बजे तक रवाना हो जाएंगी।’’

राष्ट्रपति मुर्मू आईआईटी-आईएसएम के दीक्षांत समारोह में शामिल होने वाली दूसरी राष्ट्रपति होंगी।

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 10 मई 2014 को संस्थान के 36वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे।

आईएसएम धनबाद की स्थापना 1926 में हुई थी और छह सितंबर 2016 को इसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) का दर्जा दिया गया था।

इससे पहले, मुर्मू 10 जून को राज्य में आने वाली थीं, लेकिन इस दौरे को स्थगित कर दिया गया था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12 जुलाई 2022 को शहर की यात्रा के दौरान एम्स-देवघर में आंतरिक रोगी विभाग और ऑपरेशन थिएटर सेवाओं को राष्ट्र को समर्पित किया था।

भाषा गोला अमित

अमित

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