हैदराबाद, 28 जुलाई (भाषा) ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को दावा किया कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान निर्वाचन आयोग की ओर से नागरिकता के लिए मांगे जा रहे ‘मनमाने’ दस्तावेज की वजह से मतदाता ‘दुर्व्यवहार और जबरन वसूली’ का शिकार हो सकते हैं।
ओवैसी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में दावा किया कि निर्वाचन आयोग ने एक महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मतदाता सूची का ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ अचानक शुरू कर दिया, तथा बाद में नियमों को बदल दिया।
हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ओवैसी ने कहा, ‘‘इसने ( निर्वाचन आयोग ने) अपने नियम बदल दिये हैं। पहले दस्तावेज की मांग की और फिर गणना प्रपत्र मांगे। मतदाता केवल इसलिए दुर्व्यवहार और जबरन वसूली के शिकार होंगे क्योंकि वे नागरिकता के दस्तावेजी प्रमाण की निर्वाचन आयोग की मनमानी सूची को पूरा नहीं करते हैं।’’
कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के अन्य घटक दलों ने रविवार को कहा कि निर्वाचन आयोग को बिहार में जारी एसआईआर प्रक्रिया को रोक देना चाहिए।
भाषा धीरज प्रशांत
प्रशांत