नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान डिजिटल मीडिया, मुख्य रूप से पाकिस्तान के सोशल मीडिया खातों, पर 1,400 से अधिक ‘यूआरएल’ (वेब पते) ब्लॉक कर दिए क्योंकि उनमें भ्रामक और भारत विरोधी सामग्री थी।
उन्होंने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि यह पाया गया कि कुछ सोशल मीडिया हैंडल, जिनमें से कई भारत के बाहर से संचालित हो रहे थे, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सक्रिय रूप से झूठी और संभावित रूप से हानिकारक सूचना का प्रसार कर रहे थे।
वैष्णव ने बताया, ‘‘मंत्रालय ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान डिजिटल मीडिया पर 1,400 से अधिक यूआरएल (यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर) को ब्लॉक करने के निर्देश भी जारी किए। इन यूआरएल की सामग्री में झूठी, भ्रामक, भारत विरोधी समाचार सामग्री, मुख्य रूप से पाकिस्तान से संचालित सोशल मीडिया खातों से सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री और भारतीय सशस्त्र बलों के खिलाफ भड़काऊ सामग्री शामिल थी।’’
उन्होंने भाजपा सदस्य तेजस्वी सूर्या के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया, ‘‘सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69ए के तहत सरकार ने भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, देश की सुरक्षा और लोक व्यवस्था के हित में वेबसाइटों, सोशल मीडिया हैंडल और पोस्ट को ब्लॉक करने के लिए आवश्यक आदेश जारी किए।’’
वैष्णव ने बताया कि सरकार ने मीडिया को भी एक परामर्श जारी किया, जिसमें सभी समाचार चैनलों से राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की आवाजाही का सीधा प्रसारण न दिखाने को कहा गया।
उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, अंतर-विभागीय समन्वय के लिए एक केंद्रीकृत नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया था।
मंत्री ने बताया कि यह नियंत्रण कक्ष चौबीसों घंटे कार्यरत था और सभी मीडिया हितधारकों को वास्तविक समय पर सूचना प्रसारित करने में सहायता कर रहा था।
उन्होंने बताया कि इस नियंत्रण कक्ष में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के नोडल प्रतिनिधियों के साथ-साथ विभिन्न सरकारी मीडिया इकाइयों के अधिकारी और पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) के अधिकारी शामिल थे।
उन्होंने कहा कि फर्जी खबरें और गलत सूचना फैलाने वाले सोशल मीडिया हैंडल और पोस्ट की पहचान की गई।
वैष्णव ने बताया कि पीआईबी के तहत एक तथ्यान्वेषी इकाई ने फर्जी तस्वीरों, संपादित वीडियो, भ्रामक बयानों और ऑपरेशन सिंदूर के उद्देश्यों, सरकारी एजेंसियों या सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर जारी सामग्री का पता लगाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन समाचार स्रोतों की निगरानी की।
इस इकाई ने भारत और भारतीय सशस्त्र बलों के विरुद्ध पाकिस्तानी दुष्प्रचार का पर्दाफाश किया।
भाषा सुभाष वैभव
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