नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण के आरोप में छत्तीसगढ़ में दो नन की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए राहुल गांधी समेत कांग्रेस नेताओं की बुधवार को आलोचना की और आरोप लगाया कि सांसद कानून तोड़ने वालों को बचाने के लिए उनके साथ खड़े हैं।
केरल के कांग्रेस सदस्यों ने शून्यकाल के दौरान लोकसभा में यह मुद्दा उठाया और दो नन की रिहाई के लिए सरकार से हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने उनकी गिरफ्तारी को ‘‘बेहद परेशान करने वाला और चौंकाने वाला’’ बताया।
रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के सदस्य एन के प्रेमचंद्रन और अन्य विपक्षी सांसदों ने भी गिरफ्तारी की निंदा करने में कांग्रेस का साथ दिया।
उन्होंने दो नन की गिरफ्तारी के खिलाफ संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन भी किया।
कांग्रेस की आलोचना करते हुए विहिप के राष्ट्रीय महासचिव सुरेन्द्र जैन ने कहा, ‘‘जिस तरह से कांग्रेस-ईसाई तंत्र सक्रिय हो गया है और मानव तस्करी में शामिल दो नन और उनके साथी को कानून के चंगुल से छुड़ाने के लिए उनका बचाव कर रहा है, वह बेहद निंदनीय और चिंताजनक है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ के नारायणगढ़ में तीन आदिवासी लड़कियों के साथ दो नन मिलीं। संदिग्ध गतिविधियों के चलते स्थानीय नागरिकों ने दुर्ग रेलवे स्टेशन पर पुलिस को सूचना दी और दोनों नन को मानव तस्करी और अवैध धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जब भी कोई चर्च गैरकानूनी गतिविधियों में पकड़ा जाता है, तो पूरा हिंदू-विरोधी तंत्र उनके पक्ष में खड़ा हो जाता है। राहुल गांधी और के.सी. वेणुगोपाल जैसे कांग्रेस नेता उनके साथ खड़े रहे हैं।’’
जैन ने आरोप लगाया कि केरल के कुछ सांसद और नेता मंगलवार को रायपुर गए थे ताकि छत्तीसगढ़ सरकार पर राज्य में अवैध धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोपियों की रिहाई के लिए दबाव बनाया जा सके।
उन्होंने कहा, ‘‘सांसद कानून को अपना काम करने देने के बजाय, कानून तोड़ने वालों को बचाने के लिए उनके साथ खड़े हैं।’’
उन्होंने यह भी मांग की कि केंद्र अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए एक सख्त कानून बनाए।
बजरंग दल के एक पदाधिकारी की शिकायत पर नन प्रीति मेरी और वंदना फ्रांसिस तथा सुकमन मंडावी नामक एक व्यक्ति को 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था।
बजरंग दल के पदाधिकारी ने उन पर नारायणपुर की तीन लड़कियों का जबरन धर्मांतरण और उनकी तस्करी करने का आरोप लगाया था।
भाषा
देवेंद्र पवनेश
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