हैदराबाद, 31 जुलाई (भाषा) भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने उच्चतम न्यायालय के उस फैसले का बृहस्पतिवार को स्वागत किया, जिसमें अदालत ने तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष को आदेश दिया कि वह कांग्रेस में शामिल होने वाले बीआरएस के 10 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर तीन महीने के अंदर फैसला करें।
बीआरएस विधायक के. पी. विवेकानंद ने पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी को तीन महीने में विधानसभा अध्यक्ष के फैसले का इंतजार किए बिना, 10 विधायकों को अपने पदों से इस्तीफा देकर नया जनादेश मांगना चाहिए।
प्रधान न्यायाधीश बी. आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि राजनीतिक दलबदल राष्ट्रीय बहस का विषय रहा है और अगर इस पर लगाम नहीं लगाई गई तो यह लोकतंत्र को छिन्न-भिन्न कर सकता है।
पीठ ने बीआरएस नेता पी. कौशिक रेड्डी की अपील को स्वीकार कर लिया, जिसमें उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को बीआरएस विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।
पीठ ने तेलंगाना उच्च न्यायालय की खंडपीठ के 22 नवंबर, 2024 के फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें एकल न्यायाधीश के पूर्व आदेश में हस्तक्षेप किया गया था।
फैसले में अध्यक्ष से कहा गया कि वे विधायकों को अयोग्यता की कार्यवाही को लम्बा खींचने की अनुमति न दें।
भाषा यासिर नरेश
नरेश