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रांची, 31 जुलाई (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू झारखंड के दो दिवसीय दौरे पर बृहस्पतिवार को रांची पहुंचीं। वह एम्स देवघर तथा आईआईटी धनबाद के दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी।
अधिकारियों ने बताया कि देवघर हवाई अड्डे पर पहुंचने पर राष्ट्रपति का गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
राष्ट्रपति बृहस्पतिवार को एम्स देवघर के पहले दीक्षांत समारोह में भाग लेंगी और एक अगस्त को आईआईटी (भारतीय खनि विद्यापीठ), धनबाद के 45वें दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी।
इससे पहले उन्होंने बुधवार को पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में एम्स-कल्याणी के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था।
देवघर हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति का स्वागत करने वालीं झारखंड की मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने कहा, ‘हमें झारखंड सरकार की ओर से देवघर हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी का हार्दिक स्वागत करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। राज्यपाल संतोष गंगवार भी उपस्थित थे।’
मंत्री ने कहा, ‘राष्ट्रपति का देवभूमि देवघर आगमन पूरे झारखंड के लिए गौरव की बात है। उनकी सादगी, संवेदनशीलता और जनकल्याण के प्रति समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है।’
राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए देवघर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि देवघर हवाई अड्डे से एम्स तक के रास्ते पर सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। वह अपराह्न तीन बजे दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगी।
इस बीच, धनबाद शहर भी राष्ट्रपति के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है। अपने कार्यक्रम के तहत, मुर्मू एक अगस्त को 99 साल पुराने आईआईटी (भारतीय खनि विद्यापीठ) के 45वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। इस कार्यक्रम में राज्यपाल संतोष गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भी मौजूद रहने की उम्मीद है।
अधिकारियों के अनुसार, मुर्मू आईआईटी-आईएसएम के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए लगभग एक घंटे तक धनबाद में रहेंगी।
एक अधिकारी ने कहा, ‘उनके दोपहर 12 बजे पहुंचने और समारोह में शामिल होने की उम्मीद है। वह दोपहर एक बजे तक रवाना होंगी।’
मुर्मू आईआईटी-आईएसएम, धनबाद में दीक्षांत समारोह में शामिल होने वाली दूसरी राष्ट्रपति होंगी।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 10 मई, 2014 को संस्थान के 36वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की थी। आईएसएम धनबाद की स्थापना 1926 में हुई थी और 6 सितंबर, 2016 को इसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) का दर्जा दिया गया था।
भाषा जोहेब नरेश
नरेश