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Wednesday, September 3, 2025

धर्मस्थल मामला : केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने पर बदल सकते हैं एसआईटी प्रमुख

Newsधर्मस्थल मामला : केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने पर बदल सकते हैं एसआईटी प्रमुख

बेंगलुरु, 31 जुलाई (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बृहस्पतिवार को कहा कि धर्मस्थल में ‘‘सामूहिक रूप से शवों को दफनाने’’ के आरोपों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी प्रणब मोहंती अगर प्रतिनियुक्ति पर केंद्र सरकार की ड्यूटी पर जाते हैं तो उनके स्थान पर किसी और की नियुक्ति की जाएगी।

इस बीच, गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि सरकार ने मोहंती पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।

ऐसी अटकलें हैं कि मोहंती के स्थान पर किसी और को एसआईटी प्रमुख नियुक्त किया जाएगा। पुलिस महानिदेशक (आंतरिक सुरक्षा प्रभाग) मोहंती का नाम केंद्र सरकार में काम करने वाले महानिदेशक पद के अधिकारियों की सूची में शामिल है।

जब संवाददाताओं ने सवाल किया कि क्या धर्मस्थल मामले में एसआईटी प्रमुख को बदल दिया जाएगा, तो सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘देखते हैं। यदि वह (मोहंती) केंद्र सरकार की ड्यूटी पर जाते हैं (तो उनके स्थान पर किसी और को नियुक्त किया जाएगा)…।’’

धर्मस्थल में पिछले दो दशकों में सामूहिक हत्याकांड, दुष्कर्म और शवों को दफनाने के आरोपों के बाद राज्य सरकार ने विशेष जांच दल गठित किया है।

एक पूर्व सफाई कर्मी ने दावा किया है कि उसने 1995 और 2014 के बीच धर्मस्थल में काम किया था और उसे धर्मस्थल में महिलाओं और नाबालिगों समेत कई लोगों के शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया था।

बहरहाल, पूर्व सफाई कर्मचारी की पहचान उजागर नहीं की गयी है।

उसने आरोप लगाया था कि कुछ शवों पर यौन उत्पीड़न के निशान थे। सफाईकर्मी ने इस संबंध में मजिस्ट्रेट के सामने बयान भी दिया है।

परमेश्वर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार ने एसआईटी प्रमुख को बदलने के संबंध में कोई फैसला नहीं लिया है लेकिन कुछ लोग इस मुद्दे पर अनावश्यक झूठे पोस्ट कर रहे हैं जो सही नहीं हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इस पर बहुत सारी गलतफहमी हैं। जैसा कि सरकार चाहती थी कि कोई महानिदेशक पद का वरिष्ठ अधिकारी एसआईटी का नेतृत्व करे, तो इस उद्देश्य से मोहंती की नियुक्ति की गयी थी। इस बीच, मोहंती का नाम केंद्र सरकार की प्रतिनियुक्ति सूची में आया है। हमने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है, कि उन्हें केंद्र सरकार की प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाए या नहीं। यह कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग और मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र में आता है।’’

जांच से ध्यान भटकाने के लिए एसआईटी प्रमुख को हटाये जाने के आरोपों पर गृह मंत्री ने कहा, ‘‘इसमें सरकार का क्या हित है? अगर ऐसा होता तो हम एसआईटी क्यों गठित करते? सरकार केवल सच्चाई बाहर लाना चाहती है इसलिए एसआईटी गठित की गयी और जब वह जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट सौंप देगी तो सच्चाई सामने आ जाएगी। हम बस यही चाहते हैं।’’

मोहंती की अध्यक्षता में गठित एसआईटी में पुलिस उप महानिरीक्षक (भर्ती) एम एन अनुचेथ और आईपीएस अधिकारी सौम्यलता एस के और जितेंद्र कुमार दयमा भी शामिल हैं।

एसआईटी शिकायकर्ता गवाह द्वारा पहचाने गए स्थानों पर कथित तौर पर सामूहिक रूप से लोगों को दफनाए जाने की अपनी जांच के तौर पर कब्रों की खुदाई करा रही है।

भाषा गोला वैभव

वैभव

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