भारत तेज वृद्धि हासिल करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था, ट्रंप का बयान ‘सरासर अनुचित’: विश्लेषक

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नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) विश्लेषकों ने कहा है कि भारत तेज वृद्धि हासिल करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत को ‘मृत अर्थव्यवस्था’ बताना ‘सरासर अनुचित’ है।

ऐसे समय जब अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष समेत प्रमुख अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में पेश कर रही हैं, ट्रंप का बयान कहीं से भी उचित नहीं कहा जा सकता।

भारत विदेशी निवेश के लिए एक आकर्षक केंद्र बना हुआ है और दुनिया की कई प्रमुख कंपनियां विनिर्माण केंद्र स्थापित करने के लिए इस देश की ओर देख रही हैं।

इसके अलावा, भारतीय प्रतिभाओं की विशेष रूप से तकनीकी क्षेत्र में सबसे अधिक मांग है और यह अमेरिका सहित कई देशों को सेवाओं का एक प्रमुख निर्यातक रहा है।

भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क और रूस के साथ व्यापार पर ‘जुर्माना’ लगाने की घोषणा के एक दिन बाद, ट्रंप ने बृहस्पतिवार को एक सोशल मीडिया मंच पर लिखा, ‘‘मुझे परवाह नहीं है कि भारत रूस के साथ क्या करता है। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे अपनी ‘मृत अर्थव्यवस्थाओं’ को एक साथ कैसे नीचे ले जा सकते हैं।’’

परामर्श कंपनी ईवाई इंडिया ने भारत के खिलाफ ट्रंप की टिप्पणियों को ‘काफी अनुचित’ बताया और कहा कि वास्तव में, विश्व अर्थव्यवस्था का केंद्र धीरे-धीरे ‘ग्लोबल साउथ’ की ओर स्थानांतरित हो रहा है और जिसके लिए भारत ने खुद को अग्रणी भूमिका में रखा है।

ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डी के श्रीवास्तव ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘दूसरी ओर, पूर्व विकसित अर्थव्यवस्थाएं तेजी से उम्रदराज हो रही हैं और इन अर्थव्यवस्थाओं में प्रवासी भारतीयों के योगदान के कारण ही ये अर्थव्यवस्थाएं लगातार सकारात्मक वृद्धि दर्ज कर रही हैं।’’

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उल्लेखनीय है कि अंतररराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कार्यकारी निदेशक मंडल ने फरवरी, 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था के अपने आकलन में ‘अधिकारियों की सूझबूझ वाली वृहद आर्थिक नीतियों और सुधारों’ की सराहना की थी। इन नीतियों ने भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और एक बार फिर सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान दिया है।

आईएमएफ ने यह भी कहा था कि भारत का मजबूत आर्थिक प्रदर्शन 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है।

ईवाई के श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे जीवंत और गतिशील है और इसकी आबादी सबसे युवा लोगों में से है।

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या सांख्यिकी (2024) के अनुसार, भारत की जनसंख्या की औसत आयु 28.8 वर्ष है, जबकि अमेरिका की 38.5 वर्ष और यूरोप की 42.8 वर्ष है।

श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ये विकसित अर्थव्यवस्थाएं ही हैं जो औसत आयु और विकास की संभावनाओं, दोनों ही दृष्टि से पुरानी पड़ चुकी हैं। इसके अलावा, भारत के पास प्रचुर मानव संसाधन भी हैं जो तकनीकी रूप से कुशल हैं और अंतरिक्ष, एआई (कृत्रिम मेध) और सृजन से जुड़े एआई के भविष्य के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।’’

आईएमएफ के विश्व आर्थिक परिदृश्य पर अद्यतन रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2025 और 2026 में 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह आईएमएफ के अप्रैल के क्रमशः 6.2 और 6.3 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है।

विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और पेरिस स्थित आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) जैसी अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भी इसी तरह के अनुमान लगाए हैं।

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विश्व बैंक और ओईसीडी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी (सकल घरेलू अर्थव्यवस्था) वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जबकि एडीबी का अनुमान 6.5 प्रतिशत है।

भाषा रमण अजय

अजय

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