नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) भारतीय चीनी एवं जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (इस्मा) ने बृहस्पतिवार को कहा कि अक्टूबर से शुरू होने वाले वर्ष 2025-26 सत्र में भारत का चीनी उत्पादन 18 प्रतिशत बढ़कर 3.49 करोड़ टन होने की उम्मीद है, जिसमें 20 लाख टन निर्यात की गुंजाइश है।
चालू वर्ष 2024-25 (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी उत्पादन 2.61 करोड़ टन रहने का अनुमान है।
इस्मा के अध्यक्ष गौतम गोयल ने पहला प्रारंभिक अनुमान जारी करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘चीनी उत्पादन 3.49 करोड़ टन होने का अनुमान है, जिसमें और वृद्धि की संभावना है और वर्ष 2025-26 के सत्र में 20 लाख टन निर्यात की गुंजाइश है।’’
उन्होंने कहा कि अगले सत्र में लगभग 50 लाख टन चीनी का उपयोग एथनॉल उत्पादन के लिए किया जा सकता है, जबकि चालू सत्र में यह 35 लाख टन है।
सरकार ने चालू सत्र में 10 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दी है।
गोयल ने कहा कि उद्योग निकाय 20 लाख टन चीनी निर्यात, एथनॉल के लिए अधिक स्थानांतरण, चीनी के न्यूनतम विक्रय मूल्य में वृद्धि के साथ-साथ बी शीरा और गन्ने के रस से बने एथनॉल की कीमतों में वृद्धि के लिए ‘समय पर’ अनुमति मांगेगा।
इस्मा ने शीर्ष उत्पादक राज्यों में अधिक चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया है। 2025-26 के सत्र में उत्तर प्रदेश में एक करोड़ 2.5 लाख टन, महाराष्ट्र में एक करोड़ 32.6 लाख टन और कर्नाटक में 66.1 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है।
बेहतर पैदावार और अच्छे मानसून की वजह से खेती के बढ़े हुए रकबे के कारण गन्ने का उत्पादन 93.3 लाख टन से बढ़कर एक करोड़ 32.6 लाख टन होने का अनुमान है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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