नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को आम आदमी पार्टी (आप) नेता सत्येंद्र कुमार जैन की वह अपील खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद बांसुरी स्वराज के खिलाफ कथित मानहानि के मामले में अधीनस्थ अदालत के आदेश को चुनौती दी थी।
अधीनस्थ अदालत ने मुकदमा चलाने का अनुरोध करने वाली उनकी शिकायत पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था।
अधीनस्थ अदालत मजिस्ट्रेट के इस आदेश से सहमत थी कि इस मामले में आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है।
अदालत ने एक संक्षिप्त टिप्पणी की कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का यह दायित्व है कि वह सटीक जानकारी प्रसारित करे, क्योंकि भ्रामक तथ्य प्रस्तुत करने से न केवल एजेंसी की विश्वसनीयता कम होगी, बल्कि यह सत्ता के दुरुपयोग के समान भी हो सकता है।
निचली अदालत ने 20 फरवरी को जैन द्वारा दायर आपराधिक मानहानि की शिकायत को खारिज कर दिया था। आपराधिक मानहानि के लिए अधिकतम दो साल जेल की सजा हो सकती है।
जैन ने आरोप लगाया था कि स्वराज ने पांच अक्टूबर, 2023 को एक टीवी चैनल पर एक साक्षात्कार के दौरान उनके खिलाफ मानहानिकारक टिप्पणी की थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि स्वराज ने झूठा दावा किया कि उनके घर से 1.8 किलोग्राम सोना और 133 सोने के सिक्कों के अलावा तीन करोड़ रुपये बरामद हुए हैं।
न्यायाधीश ने कहा कि स्वराज ने जवाब दाखिल कर कहा था कि साक्षात्कार में किसी नए आरोप का खुलासा नहीं किया गया है, बल्कि केवल ईडी के छह जून, 2022 के ट्वीट को फिर से ट्वीट किया गया है, जिसके अनुसार जैन से कथित रूप से जुड़े परिसरों से सोने के सिक्के और नकदी बरामद की गई थी।
पुनरीक्षण याचिका को खारिज करते हुए न्यायाधीश सिंह ने कहा कि वह अधीनस्थ अदालत के इस निष्कर्ष से पूरी तरह सहमत हैं कि संज्ञान लेने के लिए पर्याप्त आधार नहीं थे।
भाषा संतोष सुरेश
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