नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) देश में बिजली की खपत जुलाई में सालाना आधार पर 2.6 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 153.63 अरब यूनिट रही। इसका मुख्य कारण देश के कई हिस्सों में भारी बारिश के बीच एयर कंडीशनर, कूलर जैसे उपकरणों का कम उपयोग था।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल जुलाई में बिजली की खपत 149.65 अरब यूनिट रही थी।
विशेषज्ञों का मानना है कि सक्रिय मानसून के कारण देश भर में हुई भारी बारिश ने जुलाई में बिजली की खपत के साथ-साथ मांग को भी प्रभावित किया।
जुलाई में एक दिन में सबसे अधिक आपूर्ति थोड़ी कम होकर लगभग 220.59 गीगावाट रही, जो पिछले साल जुलाई में लगभग 226.63 गीगावाट थी।
एक दिन में बिजली की सर्वाधिक मांग पिछले साल मई में लगभग 250 गीगावाट के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।
इससे पहले सर्वकालिक उच्चतम बिजली मांग 243.27 गीगावाट सितंबर, 2023 में दर्ज की गई थी।
सरकारी अनुमानों के अनुसार, 2025 की गर्मियों में बिजली की अधिकतम मांग 277 गीगावाट तक पहुंचने की उम्मीद थी।
हालांकि, इस गर्मी के मौसम (अप्रैल से) के दौरान, जून में बिजली की अधिकतम मांग रिकॉर्ड 242.77 गीगावाट रही।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, इस साल मानसून निर्धारित समय से आठ दिन पहले, 24 मई को केरल तट पर पहुंच गया।
विशेषज्ञों के अनुसार, देश भर में अच्छी बारिश के कारण जून के दौरान खासकर डेजर्ट कूलर और एयर कंडीशनर जैसे उपकरणों का उपयोग कम होने से बिजली की खपत कम रही।
भाषा अनुराग रमण
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