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Wednesday, September 3, 2025

ट्रंप के भारतीय निर्यात पर प्रस्तावित जुर्माने को लेकर कोई स्पष्टता नहीं: सूत्र

Newsट्रंप के भारतीय निर्यात पर प्रस्तावित जुर्माने को लेकर कोई स्पष्टता नहीं: सूत्र

नयी दिल्ली, एक अगस्त (भाषा) रूस से कच्चा तेल और सैन्य उपकरण खरीदने के कारण भारत पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जुर्माना लगाने को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

ट्रंप ने बुधवार को कहा था कि भारत से आने वाले सामानों पर एक अगस्त से 25 प्रतिशत शुल्क के साथ ही एक जुर्माना भी लगाया जाएगा। उन्होंने हालांकि जुर्माने के बारे मे और कुछ नहीं बताया।

व्हाइट हाउस के कार्यकारी आदेश के अनुसार शुल्क लगाने की तारीख सात अगस्त कर दी गई है। इस आदेश में भी जुर्माने के बारे में कुछ नहीं कहा गया है।

सूत्रों ने कहा, ”हम इस मुद्दे पर अपनी उम्मीदें बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि आदेश में जुर्माने का कोई जिक्र नहीं है।”

शुल्क और जुर्माने की घोषणा को नयी दिल्ली पर अमेरिका की मांगों को मनवाने के लिए दबाव बनाने की एक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिका ने हाल में जापान, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ जैसे प्रमुख साझेदारों के साथ अपने लिए अनुकूल व्यापार समझौते किए हैं।

भारत रूस से आयात को लेकर जुर्माने का सामना करने वाला पहला देश है। इससे पहले ट्रंप ने चीन पर भारी शुल्क लगाया था, लेकिन उस पर रूस से आयात करने के लिए कोई जुर्माना नहीं लगाया गया।

सूत्रों ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौते पर बातचीत अभी भी जारी है, हालांकि कृषि वस्तुओं, डेयरी और आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) उत्पादों पर शुल्क रियायतों के संबंध में कोई समझौता नहीं होगा।

दोनों देश एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर बातचीत कर रहे हैं। उनका लक्ष्य इस साल अक्टूबर-नवंबर तक समझौते के पहले चरण को पूरा करना है। दोनों देश पहले चरण से पहले एक अंतरिम व्यापार समझौते पर भी विचार कर रहे हैं।

सूत्रों ने कहा कि भारत ने कृषि वस्तुओं, डेयरी और जीएम (जीन संवर्धित) उत्पादों के लिए स्पष्ट रूप से एक सीमा रेखा खींच दी है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी डेयरी क्षेत्र में जिन पशु आहार का उपयोग किया जाता है, उसके कारण भारत के लिए ऐसे उत्पादों पर शुल्क रियायतें देना संभव नहीं होगा।

भारत ने इस क्षेत्र में पिछले किसी भी व्यापार समझौते में कभी कोई शुल्क रियायत नहीं दी है।

उन्होंने कहा, ”डेयरी क्षेत्र से धार्मिक भावनाएं जुड़ी हैं। इसलिए यह स्वीकार्य नहीं है। भारत के किसी भी व्यापार समझौते में इन क्षेत्रों पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।”

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को संसद में कहा था कि भारत राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण

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