ऊना/शिमला, दो अगस्त (भाषा) हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में शुक्रवार को रातभर हुई भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ और कई इलाके जलमग्न हो गए।
ऊना में शुक्रवार शाम से करीब 222.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। भारी बारिश के कारण कारण सड़कों, बाजारों और अन्य क्षेत्रों में पानी जमा हो गया जिससे दैनिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि चंडीगढ़-धर्मशाला राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी कई स्थानों पर जलभराव हुआ और कुछ घरों में पानी घुस गया है।
खबरों के अनुसार, स्थानीय वाहन चालकों और दुकानदारों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। पास के पतंजलि स्टोर के पीछे घरों में लगभग 10 फीट पानी भर गया, जिससे निवासियों को छतों पर शरण लेनी पड़ी।
बाढ़ जैसे इन हालात के कारण औद्योगिक क्षेत्र, आवासीय इलाकों और सरकारी कार्यालयों को काफी नुकसान हुआ है।
बाढ़ प्रभावित बरनोह गांव में एक ईंट भट्ठे के पास एक पिता-पुत्र फंसे मिले। दोनों प्रवासी मजदूर हैं।
बाढ़ के कारण अन्य प्रवासी मजदूर भी विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं।
ऊना के जिला मजिस्ट्रेट जतिन लाल ने कहा, ‘पिछले 12 घंटों से हो रही लगातार बारिश के कारण कई इलाकों में बाढ़ आ गई हैं और सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। स्थिति को देखते हुए छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों को अगली सूचना तक बंद कर दिया गया है।’
जिला मजिस्ट्रेट ने संबंधित संस्थानों के प्रमुखों को आदेशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
उन्होंने निवासियों से किसी भी आपात स्थिति में जिला आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष के टोल-फ्री नंबर 1077 पर कॉल करने और गड्ढों और नदी के किनारों के पास जाने से बचने का आग्रह किया।
लाल ने कहा, ‘प्रशासन सड़कों को दोबारा खोलने और जलभराव की समस्या का समाधान करने के लिए तत्परता से काम कर रहा है। संबंधित अधिकारियों को प्रभावित लोगों को तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान करने के निर्देश जारी किए गए हैं।’
विभिन्न स्थानों पर विकास परियोजनाओं के साथ-साथ सरकारी और निजी संपत्तियों को भी भारी नुकसान हुआ है जिसका आकलन किया जा रहा है। प्रशासनिक कर्मचारी राहत-बचाव और निगरानी कार्यों में सक्रिय रूप से लगे हुए है।
ब्यास और उसकी सहायक नदियों के उफनाने से हमीरपुर जिले में सुजानपुर टीरा के पास नदी पर बने पुल के एक हिस्से में दरारें आ गई हैं।
इसके अलावा, नदी में पानी का स्तर बढ़ने के कारण सुजानपुर टीरा और सैंडहोल के पास खैरी के बीच सड़क संपर्क बाधित हो गया है।
हिमाचल प्रदेश में शनिवार तक चंडीगढ़-मनाली (एनएच 21), मनाली-लेह (एनएच 3), औट-लुहरी (एनएच 305) और खाब-ग्राम्फू (एनएच 505) समेत 387 सड़कें यातायात के लिए बंद रहीं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, इन 387 सड़कों में से सबसे अधिक 187 सड़कें मंडी जिले में अवरुद्ध हैं, जबकि कुल्लू में 69 सड़कें प्रभावित हुई हैं।
इसके अतिरिक्त, राज्य भर में 747 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर और 249 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं।
हिमाचल प्रदेश में 20 जून को मानसून के आगमन के बाद से एक अगस्त तक राज्य को 1,678 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य में अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 98 लोगों की मौत हो चुकी है और 36 लापता हैं, जबकि 1,526 घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य में अचानक आई बाढ़ की 47 घटना, बादल फटने की 28 और भूस्खलन की 42 घटनाएं सामने आई है।
भाषा
राखी पवनेश
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