नयी दिल्ली, दो अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सदस्य संजय यादव ने कहा कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से नहीं की गई और निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन नहीं किया गया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि राष्ट्रीय जनता दल और अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरेंगे।
यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि इस मुद्दे पर उनकी पार्टी को जनता का समर्थन प्राप्त है और विपक्षी दल इस प्रक्रिया के खिलाफ अपनी लड़ाई में पीछे नहीं हटेंगे।
यादव ने कहा, ‘‘अगर निर्वाचन आयोग हमारी बात नहीं सुनता है, तो हम जनता के पास जायेंगे। अगर आप लोगों को लोकतंत्र से हटा देंगे, तो क्या बचेगा।’’
राजद नेता ने आरोप लगाया, ‘‘ज़मीनी स्तर से हमें जो जानकारी मिली है, वह यह है कि एसआईआर प्रक्रिया में कोई पारदर्शिता नहीं थी, और निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन नहीं किया गया।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘पहले 20 दिनों तक बूथ पर कोई बूथ-स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) नहीं थे, बीएलओ द्वारा बहुत कम प्रत्यक्ष दौरे किए गए और बहुत कम सत्यापन किए गए। उन्होंने केवल मतदाता सूची डाउनलोड की और बिना किसी दस्तावेज के झूठे और फर्जी हस्ताक्षर वाले फॉर्म अपलोड किए।’’
यादव ने आयोग द्वारा दिए गए मृत्यु के आंकड़ों पर भी सवाल उठाया।
राजद नेता ने कहा, ‘‘अक्टूबर से जनवरी तक संक्षिप्त संशोधन हुआ, उस दौरान भी 4.5 लाख नाम हटाए गए। कुछ लोग ऐसे भी थे, जो मर गए या स्थानांतरित हो गए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब पाँच महीने बाद, वे कह रहे हैं कि 25 लाख और लोग मृत पाए गए हैं, इतने सारे लोग स्थानांतरित हो गए हैं… हमें प्रक्रिया से कोई समस्या नहीं है, लेकिन क्या ये आंकड़े रिकॉर्ड से मेल खाते हैं।’’
सांसद ने कहा, ‘‘क्या बिहार के जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार ने कहा है कि पिछले पांच-छह महीनों में इतने लोगों की मृत्यु हुई है।’’
उन्होंने कहा कि मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में यह प्रावधान था कि बीएलओ मतदाताओं के घर तीन बार जायेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या बीएलओ ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार घर का दौरा किया? क्या आपने नाम हटाने से पहले व्यक्ति को सूचना दी थी। हमारे मन में कुछ शंकायें, चिंता और सुझाव थे।’’’ उन्होंने निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य में बीएलओ द्वारा विदेशी नागरिकों को ढूंढ़ने के दावों पर भी सवाल उठाया।
उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग ने उच्चतम न्यायालय में 700 से ज़्यादा पन्नों का हलफ़नामा दिया है। उन्होंने एक भी जगह किसी बांग्लादेशी या रोहिंग्या का ज़िक्र नहीं किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई है भी, तो आप पिछले 20 वर्षों से बिहार में और 11 वर्षों से केंद्र में सत्ता में हैं। आप इसके लिए ज़िम्मेदार हैं।’’
यादव ने यह भी कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव समेत पिछले सभी चुनाव इसी मतदाता सूची के आधार पर हुए थे। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 20 वर्षों में सभी चुनाव इसी मतदाता सूची के आधार पर हुए हैं, इसलिए अगर कोई ज़िम्मेदार है, तो वह सरकार है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई विदेशी नागरिक हमारे देश में मतदाता बनता है, तो यह राज्य और केंद्र सरकार की पूरी तरह से विफलता है। यह आपके शासन की पूरी तरह से विफलता और पतन है, विपक्ष की नहीं।’
राजद सांसद ने कहा कि वे निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हैं और उन्होंने कहा कि वे इस लड़ाई को ज़मीनी स्तर पर ले जायेंगे।
भाषा रंजन दिलीप
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