पटना, दो अगस्त (भाषा) केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार उर्वरकों की समय पर और पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और प्रति हेक्टेयर कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है।
चौहान ने यहां प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त जारी करने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘देश के किसानों का हित हमारे लिए सर्वोपरि है। कृषि मंत्री के रूप में किसानों की सेवा करना मेरे लिए ईश्वर की पूजा के समान है। कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा।’’
उन्होंने प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना जैसी पहल के माध्यम से, विशेष रूप से कम उपज वाले क्षेत्रों में, प्रति हेक्टेयर कृषि उत्पादकता बढ़ाने के प्रयासों पर जोर दिया।
चौहान ने किसानों को उर्वरकों और कीटनाशकों की समय पर और पर्याप्त उपलब्धता का आश्वासन भी दिया तथा फसल नुकसान की भरपाई के लिए विभिन्न योजनाओं पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘कृषि क्षेत्र में अनुसंधान की दिशा अब दिल्ली से नहीं, बल्कि गांवों और किसानों के खेतों से तय होगी। हमारे प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता खेती को और अधिक लाभदायक बनाने की है।’’
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा, ‘‘पीएम किसान योजना के तहत 3.77 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि पहले ही किसानों के खातों में सीधे हस्तांतरित की जा चुकी है।’’
उन्होंने मखाना उत्पादन में बिहार के महत्वपूर्ण योगदान तथा कृषि विज्ञान और कृषि पद्धतियों के बीच की खाई को पाटने के लिए किए जा रहे निरंतर प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।
चौहान ने कहा कि अब फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जाती है, जिसमें उत्पादन लागत पर 50 प्रतिशत लाभ मार्जिन शामिल होता है, जो सरकार के किसान-केंद्रित दृष्टिकोण को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है कि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्रणाली के माध्यम से वित्तीय सहायता किसानों के बैंक खातों तक पहुंचे।
उन्होंने कहा, ‘‘उदाहरण के लिए, पहले जब एक रुपया भेजा जाता था, तो उसका केवल एक हिस्सा ही किसान तक पहुंचता था। अब पूरी राशि किसान के पास जाती है।’’
बिहार की ज्ञान-विरासत की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस राज्य के मेहनती लोग बेमिसाल हैं। यह वही धरती है, जिसने महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह को देखा, जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को एक नयी दिशा दी।’’
भाषा
देवेंद्र दिलीप
दिलीप