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Tuesday, September 2, 2025

बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण लोकतंत्र के लिए खतरनाक निहितार्थों वाली प्रक्रिया: जमात

Newsबिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण लोकतंत्र के लिए खतरनाक निहितार्थों वाली प्रक्रिया: जमात

नयी दिल्ली, दो अगस्त (भाषा) मुस्लिम संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद ने बिहार में हुए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कड़ी आलोचना करते हुए शनिवार को इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक निहितार्थों वाली प्रक्रिया करार दिया। संगठन ने दावा किया कि यह प्रक्रिया स्थापित चुनावी कानूनों के अनुरूप नहीं है।

संगठन की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, जमात के उपाध्यक्ष सलीम इंजीनियर ने दावा किया कि एसआईआर से बड़े पैमाने पर लोगों के मताधिकार से वंचित होने का खतरा है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक निहितार्थों वाली प्रक्रिया बताया।

उन्होंने कहा कि यह गरीब, अल्पसंख्यक और प्रवासी आबादी पर, खासकर बिहार के सीमांचल जैसे पिछड़े इलाकों में, असमान रूप से बोझ डालती है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि एसआईआर प्रक्रिया स्थापित चुनावी कानूनों के अनुरूप नहीं है।

सलीम ने कहा कि एसआईआर निर्वाचन आयोग की विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिह्न लगाती है।

बिहार में एसआईआर के तहत मसौदा मतदाता सूची ऑनलाइन जारी कर दी गई हैं। एसआईआर के तहत तैयार की गई मसौदा मतदाता सूची में 65 लाख से अधिक गणना प्रपत्र “शामिल नहीं” किए गए हैं, जिससे पंजीकृत मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 7.9 करोड़ से घटकर 7.24 करोड़ रह गई है।

मुस्लिम संगठन के बयान के मुताबिक, जमात के अन्य उपाध्यक्ष मलिक मोतसिम खान ने मालेगांव विस्फोट मामले में भारतीय जनता पार्टी की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत अन्य को बरी किए जाने को लेकर जांच एजेंसियों की भूमिका पर सवाल उठाए।

उन्होंने पूछा कि क्या सरकार इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम आरोपियों से जुड़े अन्य मामलों की तरह ही तत्परता से ऊपरी अदालत में अपील करेगी?

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भाषा नोमान नोमान संतोष

संतोष

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