गोलाघाट (असम), तीन अगस्त (भाषा) असम सरकार ने रविवार को गोलाघाट जिले में 1,000 बीघा (लगभग 133 हेक्टेयर) वन भूमि से कथित अतिक्रमण हटाने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया जिसमें 350 से अधिक परिवारों को हटाया गया।
प्रशासन ने रेंगमा आरक्षित वन क्षेत्र से लगभग 11,000 बीघा (करीब 1,500 हेक्टेयर) भूमि से अतिक्रमण हटाने के पहले चरण को शनिवार को पूरा करने के एक दिन बाद नंबोर दक्षिण आरक्षित वन क्षेत्र में यह नया अभियान शुरू किया।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, ‘गेलाजन और नंबर तीन राजपुखुरी में अतिक्रमित क्षेत्रों को रविवार को खाली कराया गया। इस दौरान 350 से अधिक घरों को हटाया गया और लगभग 1,000 बीघा वन भूमि को पुनः प्राप्त किया गया। यह कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई।’
इस अभियान की निगरानी के लिए विशेष प्रमुख सचिव (वन) एम के यादव, गोलाघाट के जिला आयुक्त पुलक महंता और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजेन सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद रहे।
विज्ञप्ति में कहा गया, ‘यह बेदखली पहल राज्य की एक व्यापक पारिस्थितिक बहाली रणनीति का हिस्सा है जिसका उद्देश्य अवैध अतिक्रमण से वन भूमि को मुक्त कराना है। आज की महत्वपूर्ण प्रगति के साथ यह अभियान आगे भी जारी रहेगा, जिससे असम की जैव विविधता वाले वन पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है।’
यह अभियान असम वन विभाग, गोलाघाट जिला प्रशासन, असम पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और नगालैंड सरकार के समन्वय से संचालित किया जा रहा है।
सरूपथार उप-मंडल के असम-नगालैंड सीमा पर स्थित उरियामघाट में रेंगमा आरक्षित वन क्षेत्र से हुए पहले चरण के अभियान में करीब 1,500 परिवारों को हटाया गया था।
इसके अलावा, डोयांग आरक्षित वन क्षेत्र के तहत मेरापानी स्थित नेघेरिबिल क्षेत्र में 205 परिवारों को बेदखली का नोटिस जारी किया गया है। यहां अभियान आठ अगस्त से शुरू किया जाएगा।
भाषा राखी नरेश
नरेश