इंदौर, पांच अगस्त (भाषा) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने पर्वतारोही मधुसूदन पाटीदार की याचिका पर अन्य पर्वतारोही भावना डेहरिया को साहसिक खेलों की श्रेणी में वर्ष 2023 का विक्रम पुरस्कार प्रदान किए जाने पर मंगलवार को अंतरिम रोक लगा दी।
उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा ने यह स्थगन आदेश सूबे की राजधानी भोपाल में राज्य सरकार के शिखर खेल अलंकरण समारोह के आयोजन के चंद घंटे पहले जारी किया। इस आयोजन के दौरान ही मंगलवार शाम डेहरिया को साहसिक खेलों की श्रेणी में विक्रम पुरस्कार प्रदान किया जाना था।
विक्रम पुरस्कार, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले वरिष्ठ खिलाड़ियों को दिया जाने वाला राज्य का शीर्ष खेल अलंकरण है।
इंदौर के निवासी पाटीदार ने उच्च न्यायालय में दायर याचिका में कहा है कि पर्वतारोहण के क्षेत्र में वरिष्ठता के आधार साहसिक खेलों की श्रेणी में विक्रम पुरस्कार नियमानुसार उन्हें दिया जाना चाहिए, लेकिन राज्य सरकार ने उनके ज्ञापन पर कोई फैसला किए बगैर डेहरिया को यह पुरस्कार देने की घोषणा कर दी।
उच्च न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और डेहरिया को नोटिस जारी किया और उनसे चार हफ्तों के भीतर जवाब मांगा।
एकल पीठ ने पाटीदार को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह अगली सुनवाई तक डेहरिया को साहसिक खेलों की श्रेणी में 2023 के विक्रम पुरस्कार से नहीं नवाजे।
उच्च न्यायालय में पाटीदार की याचिका पर अगली सुनवाई की संभावित तारीख 17 सितंबर है।
विक्रम पुरस्कार,राज्य सरकार का प्रतिष्ठित खेल अलंकरण है जिसे वर्ष 1972 से प्रदान किया जा रहा है। अलग-अलग खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 12 वरिष्ठ खिलाड़ियों को विक्रम पुरस्कार से नवाजा जाता है।
विक्रम पुरस्कार से सम्मानित किए जाने वाले हर खिलाड़ी को दो लाख रुपये और स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाता है। विक्रम पुरस्कार से सम्मानित खिलाड़ियों को उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित करके शासकीय सेवा में नियुक्ति भी दी जाती है।
भाषा हर्ष जोहेब
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