नयी दिल्ली, छह अगस्त (भाषा) बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए दिए गए नोटिस आसन द्वारा खारिज किए जाने के विरोध में विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के दस मिनट बाद दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई।
हंगामे की वजह से सदन में आज भी शून्यकाल नहीं हो पाया।
उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर पूर्व सदस्य सत्यपाल मलिक को श्रद्धांजलि दी गई। 79 वर्षीय मलिक का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को नयी दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया था।
दिवंगत पूर्व सदस्य को श्रद्धांजलि देने के बाद उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने बताया कि विभिन्न मुद्दों पर नियत कामकाज स्थगित कर चर्चा करने के लिए उन्हें नियम 267 के तहत 35 नोटिस मिले हैं।
उपसभापति ने बताया कि ये नोटिस नियमों के अनुरूप नहीं पाए गए अत: इन्हें खारिज कर दिया गया है। इस पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। कुछ सदस्यों ने जानना चाहा कि उनके नोटिस क्यों खारिज किए गए। उपसभापति ने कहा कि उन्होंने इस बारे में कल सदन में विस्तार से जानकारी दी थी।
हरिवंश ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत रहने की अपील करते हुए कहा कि कल कई सदस्यों ने उनसे मुलाकात कर कहा कि वे शून्यकाल के तहत अपने मुद्दे उठाना चाहते हैं।
उपसभापति ने कहा, ‘‘मुझसे मिलने वाले सदस्यों ने कहा कि वे अपने अधिकारों से वंचित हो रहे हैं क्योंकि वे लोकमहत्व के मुद्दे उठाना चाहते हैं। इन सदस्यों को मौका दिया जाना चाहिए ताकि वे अपने मुद्दे उठा सकें।’’
उन्होंने अपने स्थानों से आगे आकर हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने तथा कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया। उन्होंने पूछा, ‘‘क्या आप नहीं चाहते कि सदन में शून्यकाल चले और लोक महत्व से जुड़े मुद्दे उठाए जाएं।’’
सदन में व्यवस्था बनते न देख उपसभापति ने 11 बजकर दस मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी।
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हुआ है और तब से आज तक विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से उच्च सदन में एक बार भी शून्यकाल नहीं हो पाया है।
भाषा
मनीषा वैभव
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