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Wednesday, September 3, 2025

तेलंगाना पिछड़ा वर्ग आरक्षण विधेयक:मुख्यमंत्री दिल्ली में विरोध प्रदर्शन की अगुवाई की

Newsतेलंगाना पिछड़ा वर्ग आरक्षण विधेयक:मुख्यमंत्री दिल्ली में विरोध प्रदर्शन की अगुवाई की

(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, छह अगस्त (भाषा) तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने विधानसभा द्वारा पारित पिछड़ा वर्ग आरक्षण विधेयकों पर राष्ट्रपति की मंजूरी की मांग को लेकर बुधवार को यहां जंतर-मंतर पर प्रदर्शन का नेतृत्व किया।

रेड्डी ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा-नीत सरकार राज्य विधानमंडल द्वारा पारित विधेयकों की राह में अडंगा लगा रही है, क्योंकि यह (सरकार) ‘अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) विरोधी’ है।

तेलंगाना विधानसभा ने शिक्षा, रोजगार और स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण की सीमा को 42 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए मार्च में दो विधेयक पारित किए थे। ये विधेयक राज्यपाल को भेजे गए थे और वर्तमान में राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं।

विरोध प्रदर्शन के दौरान द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की सांसद कनिमोई, राकांपा (एसपी) नेता सुप्रिया सुले, समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वी शिवदासन मौजूद थे।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देते हुए ‘एक्स’ पर लिखा कि प्रस्तावित कानून संविधान के सामाजिक न्याय के दृष्टिकोण की दिशा में एक बड़ी प्रगति है, जो जाति जनगणना के आंकड़ों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि यह ‘लड़ाई’ केवल तेलंगाना के लिए नहीं है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘तेलंगाना सरकार और कांग्रेस आज दिल्ली में धरने पर बैठी और मांग की कि राष्ट्रपति शिक्षा, रोजगार और स्थानीय सरकार में पिछड़े वर्गों के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण संबंधी कानून को मंजूरी दें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारत के उन नेताओं का आभारी हूं जिन्होंने अपना समर्थन व्यक्त किया और आशा करता हूं कि माननीय राष्ट्रपति इस पर ध्यान देंगी और अपनी सहमति देंगी। यह लड़ाई सिर्फ़ तेलंगाना के लिए नहीं है। यह हाशिए पर पड़े समुदायों के भारतीयों को सत्ता और प्रगति में उनका उचित हिस्सा दिलाने के लिए एक सामूहिक लड़ाई है।’’

इसी तरह की भावनाएं प्रकट करते हुए, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि तेलंगाना सरकार का यह कदम सामाजिक न्याय को मज़बूत करेगा।

उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘नरेन्द्र मोदी सरकार का ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा खोखला है, क्योंकि वह इस विधेयक के और वंचितों के अधिकारों के बीच दीवार बनने पर उतारू है।’’

तेलंगाना के कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और ‘कांग्रेस की जय’ और ‘तेलंगाना की जय’ के नारे लगाए। कार्यक्रम स्थल पर ‘जय तेलंगाना’, ‘जय भीम’ और ‘जय पिछड़ा वर्ग’ के पोस्टर लगाए गए थे।

रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा कि जातिगत गणना को राज्य मंत्रिमंडल, विधानसभा और लोगों द्वारा विधिवत मंजूरी दी गई थी। उन्होंने सवाल किया कि केंद्र एक निर्वाचित राज्य सरकार के फैसले को कैसे धता बता सकता है।

बाद में, सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछड़े वर्गों को न्याय दिलाने के लिए ये विधेयक पारित किए हैं, लेकिन राष्ट्रपति की मंज़ूरी के बिना वे अटके हुए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इस देरी ने हमें ‘चलो दिल्ली’ आंदोलन शुरू करने के लिए मजबूर किया।’’

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) पर इस मुद्दे पर ‘चुप’ रहने का आरोप लगाते हुए रेड्डी ने पूछा, ‘वह अपने ओबीसी भाइयों के साथ क्यों नहीं खड़ी है?’

उन्होंने दावा किया कि भाजपा के नेतृत्व वाला केंद्र ओबीसी के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के राज्य के कदम को रोक रहा है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में हुई जाति जनगणना देश के लिए एक आदर्श बन गई है।

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान का भी ज़िक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि 75 साल की उम्र पार करने वाले नेताओं को पद छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री 17 सितंबर को इस उम्र तक पहुंच जाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘उन्हें 2029 तक गद्दी पर बैठने दीजिए, हम अभी उनसे पद छोड़ने के लिए नहीं कह रहे हैं। 2029 के लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी प्रधानमंत्री होंगे।’’

केंद्रीय मंत्री और तेलंगाना प्रदेश भाजपा के नेता बी संजय कुमार ने विरोध प्रदर्शन के लिए मुख्यमंत्री रेड्डी की आलोचना की और राज्य की कांग्रेस सरकार पर पिछड़े वर्गों के लिए बढ़ाए गए कोटे के नाम पर सभी मुसलमानों के लिए आरक्षण को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया।

कुमार ने धर्म-आधारित आरक्षण को एक ‘जहरीला पेड़’ करार देते हुए कहा कि यदि ‘तेलंगाना में इसे जड़ से नहीं उखाड़ा गया तो यह पूरे देश में फैल जाएगा।’

इस मुद्दे पर कांग्रेस के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए, राकांपा (एसपी) नेता सुप्रिया सुले ने कहा, ‘तेलंगाना द्वारा मांगा गया आरक्षण उचित है। जब तक यह मिल नहीं हो जाता, हम आपके साथ हैं। यह देश संविधान से चलता है, मनमानी सत्ता से नहीं।’

द्रमुक सांसद कनिमोई करुणानिधि ने ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उठाने के लिए तेलंगाना सरकार की प्रशंसा की।

कांग्रेस नेता रेड्डी ने कहा, ‘‘हम ओबीसी समर्थक हैं। राहुल गांधी ओबीसी समर्थक हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ओबीसी विरोधी हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यह आरक्षण कैसे दिलाया जाए। अगर वह (मोदी) इस बार नहीं देंगे, तो हम उन्हें आगामी चुनाव में हरा देंगे। प्रधानमंत्री को जातिगत गणना की जरा भी परवाह नहीं है। उनके इरादे ओबीसी के खिलाफ हैं।’’

पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि अगर इस देश में कोई क्रांति शुरू होती है, तो ‘‘वह हमेशा दक्षिण से शुरू होती है तथा पंजाब और बंगाल इसका समर्थन करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई सचमुच कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति की आवाज बनने का साहस रखता है, तो वह राहुल गांधी हैं। वह ब्राह्मण हैं, अगर उन्हें प्रधानमंत्री की कुर्सी चाहिए होती, तो वह डॉ. मनमोहन सिंह के बाद इसे ले सकते थे, लेकिन इसके बजाय, उन्होंने देश भर में पैदल यात्रा करना चुना। उन्होंने जो किया है, वह करने का साहस किसी और में नहीं है।’’

यादव ने रेवंत रेड्डी को ‘टाइगर लीडर’ बताया।

भाषा राजकुमार रंजन

रंजन

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