देहरादून, नौ अगस्त (भाषा) एंटीबायोटिक प्रतिरोध के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, आईआईटी-रुड़की के शोधकर्ताओं ने एक नई दवा ‘कंपाउंड 3बी’ विकसित की है, जो दवा प्रतिरोधी घातक बैक्टीरिया के खिलाफ एक शक्तिशाली एंटीबायोटिक की प्रभावशीलता को बहाल कर सकती है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि जीव विज्ञान और जैव अभियांत्रिकी विभाग की रंजना पठानिया के नेतृत्व में आईआईटी रुड़की की टीम, जिसमें मंगल सिंह और परवेज बख्त शामिल हैं, ने एक नया अणु तैयार किया है जो क्लेबसिएला निमोनिया के कारण होने वाले संक्रमण के इलाज के लिए एंटीबायोटिक मेरोपेनम के साथ काम करता है। क्लेबसिएला निमोनिया एक सुपरबग (रोगाणुरोधी-प्रतिरोधी सूक्ष्म जीव) है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन के शीर्ष प्राथमिकता वाले खतरों में सूचीबद्ध किया गया है।
पठानिया ने कहा, ‘‘यह सफलता दुनिया की सबसे गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक – रोगाणुरोधी प्रतिरोध – के लिए एक आशाजनक समाधान प्रस्तुत करती है। हमारा ‘कंपाउंड 3बी’ प्रतिरोध तंत्र को निष्क्रिय कर देता है, तथा ‘प्रीक्लिनिकल मॉडल’ में मजबूत चिकित्सीय परिणाम प्रदर्शित करता है।’’
विज्ञप्ति में कहा गया है कि ‘कंपाउंड 3बी’ अत्यधिक विशिष्ट है, मानव कोशिकाओं के लिए सुरक्षित है, और प्रतिरोधी बैक्टीरिया को मारने के लिए मेरोपेनम के साथ मिलकर काम करता है।
भाषा शफीक दिलीप
दिलीप