कोलकाता, 12 अगस्त (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य में शामिल कर्मचारियों के साथ हमेशा खड़ी रहेगी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
बनर्जी का यह बयान ऐसे दिन आया है, जब निर्वाचन आयोग ने मुख्य सचिव मनोज पंत को दिल्ली बुलाया है और उनसे राज्य सरकार के उस फैसले के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है, जिसमें उसने निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदाता सूची के पुनरीक्षण में कथित तौर पर ‘अनियमितताएं’ करने वाले अपने अधिकारियों को निलंबित नहीं करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने बताया कि मंगलवार को राज्य सचिवालय ‘नबान्न’ में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक में बनर्जी ने कर्मचारियों को सलाह दी कि वे अपने कर्तव्यों का ईमानदारी और बिना किसी भय के निर्वहन करें।
अधिकारी ने कहा, “बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मतदाता सूची के काम में लगे लोगों को डर के माहौल में नहीं रखा जाना चाहिए। उन्होंने असम में एनआरसी प्रक्रिया का जिक्र किया और असम सरकार पर निवासियों में दहशत फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार अपने लोगों के साथ खड़ी रहेगी।”
निर्वाचन आयोग ने मुख्य सचिव को मतदाता सूची संशोधन में कथित तौर पर “अनियमितताएं” करने के लिए चार अधिकारियों और एक अस्थायी डाटा एंट्री ऑपरेटर को निलंबित करने का निर्देश दिया था।
मुख्य सचिव ने सोमवार को निर्वाचन आयोग को बताया कि चिन्हित अधिकारियों को निलंबित करना और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करना “अनुपातहीन रूप से कठोर” होगा और बंगाल में अधिकारी समुदाय पर “निराशाजनक प्रभाव” पड़ेगा।
इसके बजाय, सरकार ने निर्वाचन आयोग द्वारा चिन्हित पांच अधिकारियों में से दो को फिलहाल सक्रिय चुनाव ड्यूटी से हटाने और मामले की “आंतरिक जांच” शुरू करने का फैसला किया।
मंगलवार को मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव मनोज पंत द्वारा ‘अमादेर पारा, अमादेर समाधान’ जन संपर्क कार्यक्रम के तहत बुलाई गई जिलाधिकारियों (डीएम) की बैठक में अचानक पहुंचीं और पिछले कुछ महीनों में अपराध की बढ़ती घटनाओं पर अपनी नाराजगी व्यक्त की।
भाषा प्रशांत दिलीप
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