लखनऊ, 13 अगस्त (भाषा) विपक्षी दलों ने बलरामपुर ज़िले में मानसिक रूप से कमजोर 21 वर्षीय मूक-बधिर महिला के कथित बलात्कार को लेकर बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह घटना राज्य में कानून-व्यवस्था की गंभीर स्थिति को दर्शाती है।
विपक्षी दलों का सरकार पर हमला ऐसे समय में हुआ है जब बलरामपुर पुलिस ने कथित बलात्कार की घटना के दो दिन बाद तड़के एक मुठभेड़ के बाद दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया।
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इस अपराध को ‘बेहद जघन्य’ बताया और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के सरकार के दावों पर सवाल उठाए।
उन्होंने पूछा, ”बलरामपुर में एक दिव्यांग के साथ दुष्कर्म की गंभीर घटना सामने आई है। कानून-व्यवस्था का दावा करनेवाले इस मामले में जनता से आंख मिलाकर कुछ कहना चाहेंगे?”
उन्होंने कहा कि पीड़िता को हर संभव राहत-सहायता और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए। सपा प्रमुख ने सरकार से अपराधियों को सख़्त से सख़्त सजा दिलाने तथा ‘एनकाउंटर’ का ‘दिखावा’ न करने के लिए भी कहा।
कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि आरोपियों ने सामूहिक बलात्कार के बाद पीड़िता को बेहोशी की हालत में पुलिस चौकी से बमुश्किल 20 मीटर की दूरी पर छोड़ दिया।
इसमें दावा किया गया, ‘एसपी आवास के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है कि पीड़िता खुद को बचाने के लिए भाग रही थी, जबकि बाइक सवार 5-6 लोग उसका पीछा कर रहे थे।’
आम आदमी पार्टी (आप) ने भी राज्य सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि यह घटना दर्शाती है कि ‘योगी आदित्यनाथ के शासन में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं।’
पार्टी ने कहा कि पीड़िता आरोपियों से भागते हुए पुलिस अधीक्षक (एसपी) आवास के पास से गुज़री, लेकिन उसे कोई मदद नहीं मिली। आप ने आरोप लगाया, ‘उत्तर प्रदेश और भाजपा शासित अन्य राज्यों में हर दिन माताओं और बहनों की इज्जत को तार-तार किया जा रहा है, लेकिन न तो सरकार और न ही पुलिस को इसकी परवाह है।’
भाषा जफर नरेश आशीष
आशीष