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Tuesday, September 2, 2025

अदालत ने मेट्रो स्टेशनों पर खराब सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन के संबंध में याचिका पर जवाब मांगा

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नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) से उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें आरोप लगाया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी के मेट्रो स्टेशनों पर सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन खराब हैं।

एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने डीएमआरसी, दिल्ली सरकार, महिला एवं बाल विकास तथा आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालयों एवं दिल्ली महिला आयोग को नोटिस जारी किया।

याचिकाकर्ता एवं अधिवक्ता निखिल गोयल ने मेट्रो स्टेशनों पर सभी महिला शौचालयों में निपटान सुविधाओं के साथ-साथ सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन की तत्काल स्थापना और संचालन सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया।

याचिका में कहा गया कि लाखों महिला यात्री प्रतिदिन सार्वजनिक परिवहन के प्राथमिक साधन के रूप में दिल्ली मेट्रो की सेवाओं का इस्तेमाल करती हैं और पर्याप्त सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन और मासिक धर्म के दौरान सुविधाओं की कमी के कारण उनके स्वास्थ्य, सम्मान और मौलिक अधिकार सीधे प्रभावित होते हैं।

याचिका में कहा गया है कि महिला यात्रियों की संख्या अधिक होने के बावजूद, दिल्ली मेट्रो स्टेशनों पर महिलाओं के लिए केवल कुछ ही शौचालयों में सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।

याचिका में कहा गया, ‘मासिक धर्म के दौरान सुविधाएं सुनिश्चित करने के संबंध में सरकार की ज़िम्मेदारी को आंशिक रियायतें देकर न तो कम किया जा सकता है और न ही माफ किया जा सकता है। स्वच्छता के अधिकार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भारत के संवैधानिक ढांचे के भीतर, एक मौलिक मानव अधिकार के रूप में व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है।’

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याचिका में दलील दी गई है कि महिलाओं के लिए स्वच्छता सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित किए बिना – विशेष रूप से दिल्ली मेट्रो जैसे सार्वजनिक स्थानों पर – इस अधिकार की मान्यता खोखली और अप्रभावी हो जाती है।

याचिका में कहा गया है, ‘‘केवल स्वच्छता को एक अधिकार के रूप में स्वीकार करना पर्याप्त नहीं है, जब तक कि इसे ठोस बुनियादी ढांचे और समावेशी नीतियों का समर्थन न मिले।’’

याचिका में सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों के लिए मासिक धर्म के दौरान सुविधाओं के संबंध में नीति तैयार करने और दिल्ली मेट्रो में शिकायतों के लिए एक निगरानी और शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

भाषा आशीष रंजन

रंजन

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