राजस्थान में चर्चित पेपर लीक मामले में राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के सदस्य बाबूलाल कटारा को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। वहीं, इस मामले में सह-आरोपी और कटारा के भांजे विजय डामोर को कोर्ट से जमानत मिल गई है।
एसओजी की जांच के दौरान बाबूलाल कटारा के घर से 51 लाख रुपये से अधिक नकदी, लगभग आधा किलो सोना और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए थे। ये सभी सबूत पेपर लीक कांड में उनकी संलिप्तता को मजबूत करते हैं। मामले में एसओजी की चार्जशीट के मुताबिक, कटारा और उनके नेटवर्क ने परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र लीक कर बड़े पैमाने पर वित्तीय लेनदेन किया था। फिलहाल बाबूलाल कटारा न्यायिक हिरासत में हैं, जबकि जांच अभी जारी है।
आपको बता दें कि RPSC के सदस्य बाबूलाल कटारा सेकंड ग्रेड टीचर भर्ती 2022 के पेपर लीक मामले में जेल बंद है। जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार का कहना है कि बाबू लाल कटारा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए परीक्षा का पेपर लीक किया। यह मामला प्रदेश के सबसे चर्चित भर्ती घोटालों में से एक माना जा रहा है।
संवैधानिक पद पर रहते हुए रचा षड्यंत्र
सरकार की ओर से पेश वकील मानवेन्द्र सिंह चौधरी और श्रीराम धाकड़ ने अदालत को बताया कि कटारा ने संवैधानिक पद पर रहते हुए षड्यंत्र रचा। आरोप है कि उन्होंने सरकारी आवास पर परीक्षा का पेपर मंगवाकर उसे सह-आरोपी और अपने भांजे विजय डामोर को सौंपा, जिसने आगे अन्य लोगों तक पहुंचाया। 24 दिसंबर 2022 को उदयपुर के बेकरिया थाने की पुलिस ने एक संदिग्ध बस पकड़ी, जिसमें 49 अभ्यर्थी प्रश्नपत्र के उत्तर याद कर रहे थे। पूछताछ में खुलासा हुआ कि पेपर परीक्षा से पहले ही लीक हो चुका था।
कटारा के घर मिली 51 लाख की नकदी
एसओजी की जांच में कटारा के घर से 51.20 लाख रुपये नकद, 541 ग्राम सोना, संदिग्ध दस्तावेज और पेपर लिखने में इस्तेमाल रजिस्टर बरामद हुए थे। बाबूलाल कटारा पर SI पेपर लीक केस में भी पूर्व सदस्य रामू राम राईका को पेपर देने का आरोप है। डूंगरपुर जिले के भाटपुर ग्राम पंचायत के मालपुर गांव के निवासी कटारा ने थर्ड ग्रेड टीचर से करियर की शुरुआत की थी, 1990 में अर्थशास्त्र के लेक्चरर बने और अक्टूबर 2020 में गहलोत सरकार के कार्यकाल में RPSC सदस्य नियुक्त हुए थे।
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Q1. बाबूलाल कटारा कौन हैं?
बाबूलाल कटारा राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के पूर्व सदस्य हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत थर्ड ग्रेड टीचर के रूप में की, 1990 में अर्थशास्त्र के लेक्चरर बने और अक्टूबर 2020 में गहलोत सरकार के दौरान RPSC सदस्य नियुक्त हुए।
Q2. मामला किससे जुड़ा है?
यह सेकंड ग्रेड टीचर भर्ती 2022 पेपर लीक मामले से जुड़ा है, जिसे प्रदेश के सबसे बड़े भर्ती घोटालों में माना जाता है।
Q3. कटारा पर क्या आरोप हैं?
आरोप है कि उन्होंने संवैधानिक पद पर रहते हुए परीक्षा का प्रश्नपत्र सरकारी आवास पर मंगवाया और उसे अपने भांजे विजय डामोर को सौंपा, जिसने आगे इसे अन्य लोगों तक पहुंचाया।
Q4. गिरफ्तारी कब और कैसे हुई?
24 दिसंबर 2022 को उदयपुर के बेकरिया थाने की पुलिस ने एक संदिग्ध बस पकड़ी, जिसमें 49 अभ्यर्थी पहले से लीक हुए प्रश्नपत्र के उत्तर याद कर रहे थे। जांच में बाबूलाल कटारा का नाम सामने आया और SOG ने उन्हें गिरफ्तार किया।
Q5. जांच में क्या मिला?
कटारा के घर से 51.20 लाख रुपये नकद, 541 ग्राम सोना, कई संदिग्ध दस्तावेज और पेपर लिखने में इस्तेमाल रजिस्टर बरामद हुए।