नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) दिल्ली में पशु प्रेमियों ने बुधवार को महापौर राजा इकबाल से मुलाकात कर आवारा कुत्तों को स्थानांतरित करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश पर चर्चा की।
इस दौरान उन्होंने मिलकर काम करने और एक संयुक्त समिति बनाने पर सहमति जताई ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कुत्तों को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया मानवीय, चरणबद्ध हो और इसमें नसबंदी व टीकाकरण शामिल हो।
महापौर ने बैठक के दौरान प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि जानवरों के साथ ‘वैसा ही व्यवहार किया जाएगा जैसा वे घरों में करते हैं’ और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की सहायता के लिए 500 स्वयंसेवकों की उनकी पेशकश का स्वागत किया। महापौर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि समूह ने सुझाव दिया कि आश्रय स्थल तैयार किये जाने के बाद सबसे पहले आक्रामक या परेशानी से जूझ रहे कुत्तों को ही स्थानांतरित किया जाए।
सिविक सेंटर में हुई बैठक में शामिल पशु प्रेमी जितेंद्र ने कहा कि वे महापौर के आश्वासन से संतुष्ट हैं।
उन्होंने कहा, “हम एमसीडी के साथ मिलकर काम करेंगे। हमारा ध्यान नसबंदी, टीकाकरण और इलाज के बाद कुत्तों को उनके मूल निवास स्थान पर वापस भेजने पर है।”
दक्षिण दिल्ली निवासी प्रिया चोपड़ा ने कहा कि वह नई समिति के माध्यम से एमसीडी और पुलिस के साथ समन्वय करेंगी।
उन्होंने कहा, “सब कुछ चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा।”
एक अन्य पशु प्रेमी ने कहा कि सरकार और उच्चतम न्यायालय को भी इस बात पर विचार करना चाहिए कि ये कुत्ते कहां जाएंगे क्योंकि इनकी संख्या छह लाख से ज्यादा है और आश्रय गृहों की संख्या काफी कम है।
उन्होंने सुझाव दिया, “बेहतर होगा कि कुत्तों की नसबंदी कर दी जाए और उन्हें वापस उन्हीं जगहों पर छोड़ दिया जाए जहां से उन्हें उठाया गया था।”
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली सरकार और गुरुग्राम, नोएडा व गाजियाबाद के नगर निकायों को सभी आवारा कुत्तों को हटाकर आश्रय स्थलों में रखने का निर्देश दिया था।
न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कहा कि आवारा कुत्तों के काटने से रेबीज होने की समस्या, खासकर बच्चों में ‘बेहद गंभीर’ स्थिति है।
भाषा जितेंद्र रंजन
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