नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) झारखंड सरकार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) समेत राज्य के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के ‘‘विशेषाधिकार हनन’’ नोटिस का अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा संज्ञान लिए जाने के बाद लोकसभा सचिवालय ने गृह मंत्रालय से कहा है कि वह राज्य सरकार से इस बारे में ‘‘तथ्यात्मक वक्तव्य’’ मांगे।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि लोकसभा सचिवालय ने बुधवार को गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर बिरला के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए तत्काल सूचना मांगी।
पत्र में कहा गया है, ‘‘गृह मंत्रालय से अनुरोध है कि इस मामले में झारखंड राज्य सरकार से एक ‘तथ्यात्मक वक्तव्य’ प्राप्त किया जाए और इसे लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए सचिवालय को तत्काल (15 दिन के भीतर) भेजा जाए।’’
सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में लोकसभा में विशेषाधिकार समिति की गैर-मौजूदगी में, अध्यक्ष बिरला द्वारा गृह मंत्रालय से अपेक्षित जानकारी प्राप्त करने के बाद अगली कार्रवाई पर निर्णय लिए जाने की उम्मीद है।
दुबे ने बैद्यनाथ धाम मंदिर के गर्भगृह में जबरन प्रवेश करने के आरोप में उनके और एक अन्य सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए देवघर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक (एसपी) समेत झारखंड के कुछ अधिकारियों के खिलाफ आठ अगस्त को बिरला के समक्ष विशेषाधिकार हनन का नोटिस दायर किया था।
भाजपा सांसद ने कहा था कि उनके रिश्तेदारों समेत उनके साथ आए अन्य लोगों को भी मामले में आरोपी बनाया गया है।
भाषा
देवेंद्र पारुल
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