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नयी दिल्ली, 18 अगस्त (भाषा) बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) समेत कुछ मुद्दों पर लोकसभा में सोमवार को विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों को सरकारी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाने की चेतावनी दी।
एक बार के स्थगन के बाद सदन की बैठक दोपहर 12 बजे शुरू हुई तो पीठासीन सभापति संध्या राय ने आवश्यक कागजात प्रस्तुत कराए। इस बीच ही विपक्षी सांसद एसआईआर के मुद्दे पर शोर-शराबा करने लगे।
हंगामे के बीच ही वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया। बाद में सदन ने इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
शोर-शराबे के बीच ही शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भारतीय प्रबंध संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया।
पीठासीन सभापति संध्या राय ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शून्यकाल चलने देने की अपील की। हंगामा नहीं थमने पर पीठासीन सभापति ने कार्यवाही पांच मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी।
इससे पहले 11 बजे सदन की बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया। इसी दौरान कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के सदस्य एसआईआर के मुद्दे पर नारेबाजी करने लगे।
बिरला ने कुछ देर तक शोर-शराबे में ही प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी और कॉर्पोरेट कार्य राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कुछ सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए।
लोकसभा अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर जाकर बैठने और प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया।
उन्होंने विपक्षी सांसदों से कहा, ‘‘यह प्रश्नकाल है। जितनी जोर से आप नारेबाजी कर रहे हैं, उतना जोर लगाकर यदि प्रश्न पूछेंगे तो देश की जनता का कल्याण होगा।’’
बिरला ने प्रदर्शन कर रहे सांसदों से नाराजगी जताते हुए कहा, ‘‘आपको जनता ने सरकारी संपत्ति तोड़ने के लिए नहीं भेजा है। मैं चेतावनी दे रहा हूं कि किसी भी सदस्य को यह विशेषाधिकार नहीं है कि वह सरकारी संपत्ति को तोड़ने का प्रयास करे।’’
उन्होंने विपक्षी सांसदों को चेतावनी दी, ‘‘अगर आपने सरकारी संपत्ति को तोड़ने का प्रयास किया तो मुझे कुछ निर्णायक कदम उठाने पड़ेंगे और देश की जनता यह सब देखेगी। कई विधानसभाओं के अदंर इस तरह की घटनाओं पर सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। सरकारी संपत्ति को तोड़ने का प्रयास नहीं करें।’’
इसके बाद उन्होंने करीब 11.15 बजे सदन की बैठक दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।
भाषा वैभव मनीषा
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