नयी दिल्ली, 18 अगस्त (भाषा) राज्यसभा में सोमवार को कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने एसआईआर और निर्वाचन आयोग के बारे में बोलने की अनुमति नहीं मिलने पर सदन से बहिर्गमन किया, वहीं सत्ता पक्ष की ओर से दावा किया गया कि विपक्ष की रुचि चर्चा में ही नहीं है और वह केवल अराजकता और अवरोध चाहता है।
नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दोपहर दो बजे के बाद आसन की अनुमति से व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि लोगों को मतदान का अधिकार संविधान ने दिया है और किसी को भी यह अधिकार नहीं है कि वह लोगों के मताधिकार को छीन सके।
उन्होंने मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) एवं निर्वाचन आयोग के बारे में कई बातें कहीं किंतु पीठासीन अध्यक्ष सस्मित पात्रा ने कहा कि यह मामला न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है, इसलिए इसे सदन में नहीं उठाया जाना चाहिए।
पीठासीन अध्यक्ष ने खरगे की इन दोनों मुद्दों से जुड़ी बातों को सदन की कार्यवाही से बाहर करने का आदेश दिया।
इसके बाद आसन की अनुमति से बोलते हुए सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा कि सरकार पहले ही कह चुकी है कि नियमों के तहत जिस भी विषय पर चर्चा करायी जा सकती है, उसे कराने के लिए वह तैयार है।
सदन के नेता ने जैसे ही बोलना शुरू किया, कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए।
नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में सरकार किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि आसन की ओर से यह बात कई बार कही जा सकती है कि विपक्ष जिस विषय को उठाना चाहता है, उस पर सदन के नियमों के अनुसार चर्चा नहीं हो सकती।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘उनकी (विपक्ष की) चर्चा करने में कोई रुचि नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि विपक्ष ने सदन के 69 घंटे से अधिक का समय बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के गैर-जिम्मेदार व्यवहार को देश देख रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं फिर कहना चाहता हूं कि इनकी (विपक्ष की) रुचि चर्चा कराने में कतई नहीं है। इनका विश्वास सिर्फ अराजकतावाद और अवरोध पैदा करने में है। इनकी जितनी भी भर्त्सना की जाए, कम है।’’
नड्डा ने कहा कि सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर व्यापक चर्चा की गयी। उन्होंने कहा, ‘‘ये (विपक्ष) पार्टी का विरोध करते-करते देश का विरोध करने लगे हैं।’’
उन्होंने आसन से नेता प्रतिपक्ष खरगे की नियम विरूद्ध बातों को सदन की कार्यवाही से बाहर करने की मांग की।
इसके उपरात सदन में भारतीय पत्तन विधेयक, 2025 पर चर्चा शुरू हुयी।
भाषा माधव अविनाश
अविनाश