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Wednesday, September 10, 2025

बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्ष का राज्यसभा से वाकआउट

Newsबिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्ष का राज्यसभा से वाकआउट

नयी दिल्ली, 18 अगस्त (भाषा) विपक्षी दलों ने सोमवार को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर राज्यसभा से वाकआउट किया। वहीं सत्ता पक्ष की ओर से दावा किया गया कि विपक्ष की रुचि चर्चा में ही नहीं है और वह केवल अराजकता और अवरोध चाहता है।

पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही विपक्षी सदस्य विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। उनके 19 स्थगन प्रस्ताव अस्वीकार कर दिए जाने के बाद कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे सदन की बैठक पुनः शुरू होने पर पीठासीन सभापति और बीजद सदस्य सस्मित पात्रा ने बताया कि कार्यमंत्रणा समिति ने भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2025 पर तीन घंटे और खनिज एवं खनन (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025 पर एक घंटे की चर्चा का समय निर्धारित किया है।

इसके बाद केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने हंगामे के बीच भारतीय बंदरगाह विधेयक, 2025 सदन में पेश किया।

इसी दौरान नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर चर्चा की मांग करने लगे। अन्य विपक्षी सांसद भी उनके साथ हो गए और सरकार से इस पर चर्चा की मांग करने लगे।

भाजपा के रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि सदन की नियमावली में लिखा गया है कि जाते समय और आते समय सदन में आसन की ओर नमन करना होता है। उन्होंने कहा ‘‘यह सदन सराय नहीं है। विपक्षी सदस्य जब मर्जी हो तब सदन से चले जाते हैं और जब उनकी मर्जी हो, वे वापस सदन में आ जाते हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।’’

इस पर पीठासीन अध्यक्ष सस्मित पात्रा ने कहा ‘‘सभी सदस्यों को नियमावली का पालन करना चाहिए और आसन की गरिमा तथा सदन की गरिमा बनाए रखनाी चाहिए।’’

नेता प्रतिपक्ष खरगे ने दोपहर दो बजे के बाद आसन की अनुमति से व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि लोगों को मतदान का अधिकार संविधान ने दिया है और किसी को भी यह अधिकार नहीं है कि वह लोगों के मताधिकार को छीन सके।

उन्होंने मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) एवं निर्वाचन आयोग के बारे में कई बातें कहीं किंतु पीठासीन अध्यक्ष सस्मित पात्रा ने कहा कि यह मामला न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है, इसलिए इसे सदन में नहीं उठाया जाना चाहिए।

पीठासीन अध्यक्ष ने खरगे की इन दोनों मुद्दों से जुड़ी बातों को सदन की कार्यवाही से बाहर करने का आदेश दिया।

इसके बाद आसन की अनुमति से बोलते हुए सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा कि सरकार पहले ही कह चुकी है कि नियमों के तहत जिस भी विषय पर चर्चा करायी जा सकती है, उसे कराने के लिए वह तैयार है।

सदन के नेता ने जैसे ही बोलना शुरू किया, कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए।

नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में सरकार किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि आसन की ओर से यह बात कई बार कही जा सकती है कि विपक्ष जिस विषय को उठाना चाहता है, उस पर सदन के नियमों के अनुसार चर्चा नहीं हो सकती।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘उनकी (विपक्ष की) चर्चा करने में कोई रुचि नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि विपक्ष ने सदन के 69 घंटे से अधिक का समय बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के गैर-जिम्मेदार व्यवहार को देश देख रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं फिर कहना चाहता हूं कि इनकी (विपक्ष की) रुचि चर्चा कराने में कतई नहीं है। इनका विश्वास सिर्फ अराजकतावाद और अवरोध पैदा करने में है। इनकी जितनी भी भर्त्सना की जाए, कम है।’’

नड्डा ने कहा कि सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर व्यापक चर्चा की गयी। उन्होंने कहा, ‘‘ये (विपक्ष) पार्टी का विरोध करते-करते देश का विरोध करने लगे हैं।’’

उन्होंने आसन से नेता प्रतिपक्ष खरगे की नियम विरूद्ध बातों को सदन की कार्यवाही से बाहर करने की मांग की।

इसके उपरात सदन में भारतीय पत्तन विधेयक, 2025 पर चर्चा शुरू हुयी।

भाषा मनीषा माधव मनीषा अविनाश

अविनाश

अविनाश

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