कोलकाता, 18 अगस्त (भाषा) इंडियन सुपर लीग के मौजूदा चैंपियन मोहन बागान ने अपना फैसला बरकरार रखते हुए सोमवार को अपने खिलाड़ियों को राष्ट्रीय शिविर के लिए भेजने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि फीफा विंडो के बाहर यह अनिवार्य नहीं है।
भारतीय टीम ने अगले महीने होने वाले सीएएफए नेशंस कप से पहले 15 अगस्त को बेंगलुरु में अपना अभ्यास शिविर शुरू किया, लेकिन मोहन बागान के सात खिलाड़ियों सहित 13 खिलाड़ी शिविर में शामिल नहीं हुए।
मोहन बागान ने डूरंड कप का हवाला देकर पहले अपने खिलाड़ियों को राष्ट्रीय शिविर के लिए रिलीज करने से इनकार कर दिया था। उसकी टीम डूरंड कप के क्वार्टर फाइनल में ईस्ट बंगाल से हार गई लेकिन क्लब ने इसके बाद ही अपना पुराना रवैया बरकरार रखा।
बागान ने अब 16 सितंबर को साल्ट लेक स्टेडियम में तुर्कमेनिस्तान के अहल एफसी के खिलाफ होने वाले एएफसी चैंपियंस लीग टू के अपने पहले मैच का हवाला दिया है। क्लब ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) पर खिलाड़ियों की परवाह नहीं करने का आरोप लगाया।
बागान के एक अधिकारी ने कप्तान सुभाषिश बोस का मामला उठाया, जो इस वर्ष मार्च में बांग्लादेश के खिलाफ भारत के एशियाई कप क्वालीफायर के दौरान चोटिल होने के बाद से ही खेल से बाहर हैं।
अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ‘‘हर बार जब वे हमारे खिलाड़ियों को लेते हैं, तो उनमें से तीन-चार चोटिल होकर लौटते हैं और एआईएफएफ उनसे बात करने, उन्हें मुआवजा देने या यहां तक कि उनकी जांच करने की भी परवाह नहीं करता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब तक फीफा विंडो न हो, किसी भी क्लब के लिए अपने खिलाड़ियों को रिलीज़ करना अनिवार्य नहीं है क्योंकि चोट लगने की स्थिति में कोई मुआवजा नहीं मिलता है। इसलिए हम इस शिविर के लिए किसी भी खिलाड़ी को रिलीज़ नहीं कर रहे हैं।‘‘
मोहन बागान के जो खिलाड़ी राष्ट्रीय शिविर में भाग नहीं ले रहे हैं उनमें अनिरुद्ध थापा, दीपक टांगरी, लालेंगमाविया, लिस्टन कोलासो, मनवीर सिंह, सहल अब्दुल समद और विशाल कैथ शामिल हैं। फॉरवर्ड मनवीर पहले से ही चोट से जूझ रहे हैं।
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पंत मोना
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