चशोती (जम्मू-कश्मीर), 18 अगस्त (भाषा) केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के अतिरिक्त महानिदेशक सुधीर कुमार ने सोमवार को बादल फटने से प्रभावित जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चशोती गांव पहुंचकर जारी बचाव अभियान का जायजा लिया और लोगों की जान बचाने के लिए बल के कर्मियों की सराहना की।
कुमार ने बताया कि 14 अगस्त को गांव में आई प्राकृतिक आपदा में तीन सीआईएसएफ जवानों की जान चली गई और एक अन्य अब भी लापता है। उन्होंने कहा कि अब तक तीन सीआईएसएफ कर्मियों समेत 61 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 100 से ज्यादा घायलों को बचाया गया है।
इस प्राकृतिक आपदा में 50 से अधिक लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘त्रासदी के समय गांव में (मछैल माता मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए) 25 जवान तैनात थे। इस त्रासदी का असर हमारी एक बैरक पर भी पड़ा। जवानों ने मुझे बताया कि बादल फटने की घटना केवल 18 सेकंड तक हुई, लेकिन इससे पहाड़ी टूट गई और रास्ते में आने वाली हर चीज मलबे में दब गई।’’
उन्होंने बताया कि मारे गए तीन कर्मियों के अलावा मुरा नामक एक अन्य जवान अब भी लापता है।
कुमार ने कहा, ‘‘जब हमारे कुछ जवान खुद को इस आपदा से बचाने में सफल हुए तो दौड़कर दोबारा मौके पर पहुंचे और मलबे से कई महिलाओं और बच्चों को निकाला तथा उन्हें निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचाया। वे इस त्रासदी में सबसे पहले मदद करने वाले लोग थे।’’
अधिकारी ने बताया कि बचाव कार्यों में अन्य एजेंसियों और नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए किश्तवाड़ तथा दुलहस्ती विद्युत परियोजना स्थलों से 150 कर्मियों को भी मौके पर भेजा गया।
कुमार ने जवानों के हथियारों के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि कुल मिलाकर सभी हथियार सही सलामत हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस समय ‘स्टॉक’ की पुष्टि करना मुश्किल है, लेकिन पुष्टि हो जाने पर हकीकत सामने आ जाएगी और किसी भी कमी को दूर कर लिया जाएगा।’’
भाषा धीरज नेत्रपाल
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