नयी दिल्ली, 18 अगस्त (भाषा) सरकार ने सोमवार को बताया कि इस साल 30 जून तक नियामक और भू-राजनीतिक वजहों के कारण 5,706 उड़ानें रद्द कर दी गईं, जो इसी अवधि के दौरान विमानों के कुल प्रस्थानों का लगभग एक प्रतिशत है।
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल द्वारा राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उपलब्ध कराए गए आंकड़ों में एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, इंडिगो, अकासा एयर, स्पाइसजेट और एलायंस एयर की उड़ानें शामिल हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल 30 जून तक नियामक और भू-राजनीतिक मुद्दों के कारण कुल 5,706 उड़ानें रद्द हुईं। इस दौरान, प्रस्थान करने वाले विमानों की संख्या 5,72,079 थी।
मोहोल ने कहा कि देरी और रद्द होने के कारण विमानन कंपनियों को अतिरिक्त ईंधन, चालक दल के ओवरटाइम, रखरखाव, हवाई अड्डे के शुल्क और टिकट दोबारा बुक करने के खर्च सहित अन्य लागत उठानी पड़ती है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, एयरलाइनों को उड़ान रद्द होने या महत्वपूर्ण देरी के लिए यात्रियों को धनवापसी या मुआवज़ा प्रदान करना आवश्यक है। जनवरी-जून 2025 के दौरान घरेलू एयरलाइनों द्वारा ले जाए गए यात्रियों में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 7.34 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।’’
एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में, मंत्री ने कहा कि एयर इंडिया ने जुलाई 2023 से 24 अंतरराष्ट्रीय मार्ग पर उड़ानों की शुरुआत की थी और उनमें से चार मार्ग व्यावसायिक कारणों से निलंबित कर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘एयर इंडिया की गोवा-लंदन (गैटविक) सेवा, जिसे अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था, 2025 के शीतकालीन कार्यक्रम में फिर से शुरू होने वाली है।’’
भाषा मनीषा अविनाश
अविनाश