30 C
Jaipur
Sunday, September 7, 2025

मुख्य चुनाव आयुक्त ने हमारे सवालों का जवाब नहीं दिया, भाजपा प्रवक्ता की तरह काम कर रहें : विपक्ष

Newsमुख्य चुनाव आयुक्त ने हमारे सवालों का जवाब नहीं दिया, भाजपा प्रवक्ता की तरह काम कर रहें : विपक्ष

नयी दिल्ली, 18 अगस्त (भाषा) कांग्रेस सहित आठ विपक्षी दलों ने सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता की तरह काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और मतदाता सूची में अनियमितताओं से संबंधित मुद्दों पर उनके सवालों का जवाब देने में विफल रहे हैं।

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा), द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सहित आठ प्रमुख विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों ने यहां एक बैठक के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी)पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देने के बजाय सीईसी ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन कर उनपर हमला करने का विकल्प चुना।

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा, ‘‘मतदान का अधिकार संविधान द्वारा आम नागरिक को दिया गया सबसे महत्वपूर्ण अधिकार है। लोकतंत्र इसी पर निर्भर करता है। निर्वाचन आयोग इसकी रक्षा के लिए बना निकाय है… लेकिन हम देख सकते हैं कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने राजनीतिक दलों द्वारा उठाए जा रहे महत्वपूर्ण सवालों का जवाब नहीं दिया और अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं।’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि सीईसी को विपक्ष द्वारा पूछे गए वाजिब सवालों का जवाब देना चाहिए था। गोगोई ने आरोप लगाया, ‘‘इसके विपरीत, उन्होंने राजनीतिक दलों पर सवाल उठाए और उन पर हमला बोला।’’

असम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘यह बेहतर होता यदि वे यह बताते कि एसआईआर इतनी जल्दबाजी में क्यों किया गया, जबकि चुनाव केवल तीन महीने दूर हैं, वह भी राजनीतिक दलों से चर्चा किए बिना। एसआईआर की घोषणा करने में इतनी जल्दबाजी क्यों की गई?’’

उन्होंने निर्वाचन आयोग को याद दिलाया कि उसका संवैधानिक कर्तव्य स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना है और दावा किया कि शीर्ष पद पर बैठे अधिकारी विपक्ष के आरोपों की जांच की अनुमति नहीं दे रहे हैं।

गोगोई ने आरोप लगाया, ‘‘यह स्पष्ट है कि निर्वाचन आयोग कुछ अधिकारियों के हाथों में है जो पक्षपात कर रहे हैं। ऐसे अधिकारी किसी भी जांच के खिलाफ हैं।’’

सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि निर्वाचन आयोग लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से अपनी शिकायत के साथ हलफनामा देने को कह रहा है, जबकि सपा ने 2022 में लगभग 18,000 मतदाताओं को सूची से हटाए जाने की शिकायतों के साथ हलफनामा प्रस्तुत किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

उन्होंने कहा, ‘‘ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में, जब अखिलेश यादव ने कहा कि सपा समर्थकों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं, तो हमने हलफनामा दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।’’

तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा ने कहा कि यदि मतदाता सूची, जिसके आधार पर पिछला आम चुनाव हुआ था, सही नहीं है तो लोकसभा को भंग कर देना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘क्या जिस सूची के आधार पर लोकसभा चुनाव हुआ, वह फर्जी है? अगर यह सच है, तो वर्तमान और पूर्व चुनाव आयुक्तों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए और मौजूदा लोकसभा को तुरंत भंग कर दिया जाना चाहिए।’’

राजद नेता मनोज झा ने मुख्य चुनाव आयुक्त पर निशाना साधते हुए तंज कसा, ‘‘कल हम अपने मुख्य चुनाव आयुक्त को ढूंढ रहे थे, हमें भाजपा का नया प्रवक्ता मिल गया।’’

शिवसेना(उबाठा) के अरविंद सावंत ने भी मुख्य चुनाव आयुक्त पर ‘‘भाजपा प्रवक्ता की तरह व्यवहार करने’’ का आरोप लगाया।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने 17 अगस्त को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण का उद्देश्य मतदाता सूचियों में सभी कमियों को दूर करना है। उन्होंने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि कुछ दल इसके बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं और ‘‘ निर्वाचन आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर गोली चला रहे हैं।’’

भाषा धीरज प्रशांत

प्रशांत

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles