बेंगलुरु, 18 अगस्त (भाषा) कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने सोमवार को कहा कि उन्होंने अधिकारियों को उस व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, जिसने 28 लोगों की हत्या में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की संलिप्तता होने का आरोप लगाया था।
विपक्षी भाजपा ने विधानसभा में यह मुद्दा उठाया और आरोप लगाने वाले व्यक्ति के खिलाफ सरकार की निष्क्रियता को लेकर सवाल किया।
हालांकि, गृह मंत्री, उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार या वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने किसी नाम का उल्लेख नहीं किया, लेकिन आधिकारिक सूत्रों और सदन में कुछ भाजपा विधायकों ने उक्त व्यक्ति की पहचान महेश शेट्टी थिमारोडी के रूप में की।
थिमारोडी ने उजीरे की रहने वाली प्री-यूनिवर्सिटी की द्वितीय वर्ष की छात्रा के लिए न्याय की लड़ाई का नेतृत्व किया था। छात्रा के साथ 2012 में दक्षिण कन्नड़ जिले के धर्मस्थल नगर में बलात्कार किया गया था और उसकी हत्या कर दी गई थी।
थिमारोडी उन लोगों में प्रमुख रूप से शामिल है, जिन्होंने पिछले दो दशकों में उस स्थान पर सामूहिक हत्या, बलात्कार और शवों को सामूहिक रूप से दफन किये जाने के दावों के बाद न्याय और जांच की मांग की।
राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) धर्मस्थल में सामूहिक हत्या, बलात्कार और सामूहिक रूप से शवों को दफन किये जाने के दावों की जांच कर रहा है।
परमेश्वर ने कहा, ‘‘क्या आपको लगता है कि सरकार इतनी लाचार है? मैं समझ नहीं पा रहा हूं… उस व्यक्ति (जिसने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाए) को बड़ा न बनाएं। उस व्यक्ति के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। मैंने उस व्यक्ति के विरूद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। ऐसे लोगों को यूं ही नहीं छोड़ा जा सकता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘देश में कानून हैं, हम कानून का सहारा लेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि उसे सजा मिले। हम कड़ी कार्रवाई करेंगे।’’
हालांकि, भोजनावकाश के बाद इस मुद्दे पर, राज्य के गृह मंत्री ने सदन को बताया कि ये आरोप मौजूदा सरकार बनने से पहले 27 मई 2023 को लगाए गए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘उसने अभी कुछ नहीं कहा है, शायद मुझे लगता है कि जब उसने बोला था, हमारी सरकार पूरी तरह से बनी भी नहीं थी। मुझे नहीं पता कि विपक्ष ने अब यह मुद्दा क्यों उठाया।’’
परमेश्वर ने कहा कि उस व्यक्ति के खिलाफ 18 मामले दर्ज हैं और उन्होंने कानून के अनुसार उसके खिलाफ ‘‘निर्मम कार्रवाई’’ करने का संकल्प लिया है।
इससे पहले, शून्यकाल के दौरान विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने जानना चाहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ हत्या के आरोप लगने के बावजूद सरकार ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की।
उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा का सत्र चल रहा है और धर्मस्थल मुद्दे पर चर्चा हुई है। धर्मस्थल में सिलसिलेवार हत्याओं का आरोप लगाने वाले एक व्यक्ति ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री 28 लोगों की हत्या में शामिल हैं। सत्र के दौरान मुख्यमंत्री पर आरोप लगाए जा रहे हैं, क्या यह गुंडा राज है?’’
अशोक ने सवाल किया, ‘‘क्या सरकार इन आरोपों की भी जांच के लिए एक एसआईटी गठित करेगी और क्या आप बताए गए स्थानों पर भी खुदाई करवाएंगे?’’
उन्होंने मांग की कि राज्य के गृह मंत्री इस पर जवाब दें और सरकार की ओर से बयान दें।
भाजपा विधायक सुनील कुमार ने पूछा कि क्या सरकार मुख्यमंत्री पर लगे आरोपों को स्वीकार कर रही है या अगर वे झूठे हैं तो क्या कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप चुप हैं, तो इसका मतलब है कि आरोप सही हैं। अगर नहीं, तो कार्रवाई करें।’’
इस पर परमेश्वर ने कहा, ‘‘हम चुप नहीं हैं, हम मुंहतोड़ जवाब देंगे।’’
एक अन्य भाजपा विधायक सुरेश कुमार ने कहा, ‘‘अशोधित मल-जल’’ सोशल मीडिया पर दिखाई दे रहा है।
उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि भाजपा के एक राष्ट्रीय महासचिव पर भी आरोप लगाए गए हैं।
उन्होंने कहा, ’’मैं यह कहना चाहता हूं कि ऐसे लोगों का नाम न लें और उन्हें नेता न बनाएं। राज्य के गृह मंत्री कार्रवाई करेंगे।’’
शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस विधायक शिवलिंगे गौड़ा द्वारा विधायक दल की बैठक में इस मामले को उनके ध्यानार्थ लाए जाने के बाद उन्होंने सिद्धरमैया को उनके खिलाफ लगे आरोपों के बारे में सूचित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘सिद्धरमैया उस समय तक आरोपों से अवगत नहीं थे। मैंने उन्हें इसके बारे में बताया। इसके बाद, उन्होंने गृह मंत्री को आवश्यक निर्देश दिए और वह (गृह मंत्री) इस पर कार्रवाई करेंगे।’’
भाषा सुभाष दिलीप
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