मुंबई, 18 अगस्त (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के विधायक रोहित पवार ने सोमवार को महाराष्ट्र के मंत्री संजय शिरसाट पर आरोप लगाया कि जब वह राज्य एजेंसी सिडको के अध्यक्ष थे, तब उन्होंने कानूनी प्रक्रियाओं को दरकिनार कर नवी मुंबई के एक परिवार को 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की जमीन आवंटित की।
शिवसेना नेता शिरसाट ने पवार के दावे का पुरजोर खंडन किया और मामले में किसी भी अनियमितता से इनकार किया। उन्होंने कहा कि राज्य द्वारा संचालित योजना एजेंसी ‘सिटी एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन’ (सिडको) के फैसले उसके बोर्ड द्वारा सामूहिक रूप से लिए जाते हैं, किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं।
शिरसाट से इस्तीफे की मांग करते हुए पवार ने कहा कि पूरा प्रकरण ब्रिटिश काल का है, जब वर्तमान नवी मुंबई और उसके आसपास के क्षेत्रों में 4,000 एकड़ से अधिक भूमि, मराठा साम्राज्य के खिलाफ सहायता करने के लिए औपनिवेशिक शासकों द्वारा बिवलकर परिवार के सदस्यों को राजनीतिक अनुदान के रूप में दी गई थी।
राकांपा (एसपी) विधायक ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आजादी के बाद सरकार ने विभिन्न कानूनी प्रावधानों और निर्णयों के अनुसार उक्त भूमि को अपने कब्जे में ले लिया।
विधायक ने आरोप लगाया, ‘2024 में जैसे ही संजय शिरसाट को सिडको का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, उन्होंने सभी कानूनी मानदंडों की अनदेखी करते हुए अपनी पहली ही बैठक में बिवलकर परिवार को इस विवादित भूमि के लगभग 15 एकड़ के आवंटन को मंजूरी दे दी।’
उन्होंने कहा कि विवादित भूमि तटीय रायगढ़ जिले के रोहा, पनवेल, अलीबाग और उरण तहसीलों के अंतर्गत 15 गांवों में फैली हुई है। उन्होंने मांग की कि ‘महायुति’ सरकार ‘अवैध’ भूमि आवंटन को रद्द करे।
विधायक ने शिरसाट के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि राकांपा (शरदचंद्र पवार) का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को नवी मुंबई स्थित सिडको मुख्यालय जाएगा और विस्थापित स्थानीय आबादी से संबंधित पार्टी के सवालों और शिकायतों का जवाब मांगेगा।
भाजपा नीत ‘महायुति’ सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री शिरसाट से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने किसी भी अनियमितता के दावे को खारिज कर दिया।
भाषा आशीष प्रशांत
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