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Tuesday, September 2, 2025

संसद ने दी खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025 को मंजूरी

Newsसंसद ने दी खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025 को मंजूरी

नयी दिल्ली, 19 अगस्त (भाषा) संसद ने मंगलवार को देश के खनन क्षेत्र के विनियमन और खनिजों के उत्पाद को बढ़ावा देने के प्रावधानों वाले ‘खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025’ को पारित कर दिया।

राज्यसभा में इस विधेयक पर चर्चा एवं खान और खनन मंत्री जी किशन रेड्डी के जवाब के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।

राज्यसभा में इस विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस एवं कई अन्य दलों के सदस्य मौजूद नहीं थे। विपक्षी सदस्यों ने मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के मुद्दे पर सदन से बहिर्गमन किया था।

रेड्डी ने विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में कहा कि इस विधेयक के माध्यम से खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 में छह संशोधन संसद के सामने लाए गए हैं जो खान क्षेत्र के हित में हैं।

उन्होंने कहा कि आज दुनिया में अति महत्वपूर्ण (क्रिटिकल) खनिजों की बेहद मांग है और सोलर पैनल से लेकर विंड टर्मिनल तक, बिजली से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक, सेलफोन से लेकर विमानों तक, खेती से लेकर रक्षा और अंतरिक्ष तक हर क्षेत्र में इनकी जरूरत है।

खान मंत्री ने कहा कि लिथियम जैसे अति महत्वपूर्ण खनिज की आपूर्ति सुगम बनाने की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि देश में खनिज उत्पादन को बढ़ाने में इस विधेयक के प्रावधानों से मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने 24 ‘अत्यंत महत्वपूर्ण खनिजां’ को शुल्क रहित आयात करने का निर्णय किया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने इसके लिए ‘क्रिटिकल मिनरल मिशन’ बनाने की पहल की है।

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इस विधेयक के माध्यम से सरकार का लक्ष्य लिथियम, कोबाल्ट और दुर्लभ मृदा तत्वों सहित बेहद जरूरी खनिजों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करना है।

खान मंत्री रेड्डी ने कहा कि खनन क्षेत्र में सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ रही है और उत्पादन को बढ़ाया गया है।

उन्होंने कहा कि सहकारी संघवाद की भावना के चलते सभी पक्षों को विश्वास में लिया गया है जिसका परिणाम इस क्षेत्र में उल्लेखनीय बदलाव के रूप में सामने आया है। उन्होंने कहा कि ‘‘विकसित भारत’’ का लक्ष्य पूरा करने के संकल्प और विश्व में अहम भूमिका निभाने के उद्देश्य के साथ पूरी ईमानदारी के साथ काम किया जा रहा है।

उन्होंने कहा ‘‘2014 से पहले खनन क्षेत्र में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद था और लोगों का भरोसा खत्म हो चुका था। तब नीति पंगुता का दौर था। लेकिन आज स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। राजग सरकार के अथक प्रयासों का नतीजा है कि आज भारत दूसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक देश बन चुका है और देश में कोयले का आयात घटा है। ’’

रेड्डी ने कहा कि आज स्थिति यह है कि कोयला ब्लॉक का आवंटन निविदा के माध्यम से किया जाता है और भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि आज देश में बिजली संकट बिल्कुल नहीं है क्योंकि बिजली के लिए जितने कोयले की जरूरत है, उतना कोयला देने के लिए सरकार तैयार है।

उन्होंने कहा कि खनिज राष्ट्र की संपदा है और इसका उपयोग राष्ट्र के विकास के लिए होना चाहिए।

रेड्डी ने कहा कि नयी प्रौद्योगिकियों के उपयोग से खनिजों के उत्पादन में वृद्धि हुई है और उनका राजस्व भी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि रॉयल्टी व्यवस्था के तहत पूरी राशि राज्यों को दी जाती है।

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रेड्डी के जवाब के बाद विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इसके बाद चार बज कर 45 मिनट पर उच्च सदन की बैठक को बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

भाषा

मनीषा माधव अविनाश

अविनाश

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