MLA bribery case: राजस्थान विधानसभा में भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के बागीदौरा विधायक जयकृष्ण पटेल पर सवाल वापस लेने के बदले रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लगा है। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।
सूत्रों के मुताबिक, विधानसभा की सदाचार समिति ने मामले की जांच पूरी कर ली है और आज दोपहर 2 बजे अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को सौंपेगी। रिपोर्ट में विधायक की सदस्यता रद्द करने तक की सिफारिश की संभावना जताई जा रही है।
10 करोड़ की रिश्वत की डिमांड
जानकारी के अनुसार, विधायक ने खनन विभाग से जुड़े सवाल वापस लेने के लिए कुल 10 करोड़ रुपए की मांग की थी। इसके अलावा, वे अपने विधानसभा क्षेत्र से 600 किलोमीटर दूर टोडाभीम में सोप स्टोन खनन करने वाली कंपनी को ब्लैकमेल कर रहे थे।
चुनावी प्रतिद्वंद्वी और पूर्व उम्मीदवारों ने भी विधायक की इस भूमिका पर सवाल उठाए हैं। बताते चलें कि राजस्थान में यह पहला मौका है जब किसी विधायक को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। अब विधानसभा सदन में सदाचार समिति की रिपोर्ट के आधार पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
अगर कमेटी विधायक को दोषी पाती है, तो यह कार्रवाई की सिफारिश कर सकती है, जिसमें विधायक की सदस्यता समाप्त करने तक की सिफारिश शामिल हो सकती है। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा है कि अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है और विधायक सदन में आ सकते हैं।
- जयकृष्ण पटेल पर क्या आरोप है?
राजस्थान विधानसभा के BAP विधायक जयकृष्ण पटेल पर सवाल वापस लेने के बदले रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप है। उन्हें एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।
2. विधायक ने कितनी रकम की मांग की थी?
जानकारी के अनुसार, जयकृष्ण पटेल ने खनन विभाग से जुड़े सवाल वापस लेने के लिए कुल 10 करोड़ रुपए की मांग की थी।
3. सदाचार समिति ने क्या कार्रवाई की है?
विधानसभा की सदाचार समिति ने मामले की जांच पूरी कर ली है और अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपने वाली है। रिपोर्ट में विधायक की सदस्यता रद्द करने तक की सिफारिश की संभावना है।
4. विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र से दूर किस कंपनी को ब्लैकमेल कर रहे थे?
विधायक अपने क्षेत्र से 600 किलोमीटर दूर टोडाभीम में सोप स्टोन खनन करने वाली कंपनी को ब्लैकमेल कर रहे थे।
5. विधायक अभी विधानसभा में भाग ले सकते हैं?
हां, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के अनुसार, अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है और विधायक सदन में आ सकते हैं। अंतिम फैसला सदाचार समिति की रिपोर्ट के आधार पर लिया जाएगा।
6. राजस्थान में क्या यह पहला मामला है?
हाँ, राजस्थान में यह पहला मौका है जब किसी विधायक को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। अंतिम फैसला सदाचार समिति की रिपोर्ट के आधार पर लिया जाएगा।